केंद्र की मनमोहन सरकार की दूसरी पारी में विभिन्न घोटालों का उजागर हुआ है. 2जी घोटाला, राष्ट्रमंडल खेलों में अनियमितता, आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला, लवासा और हाल ही में एस-बैंड विवाद इनमें सबसे प्रमुख हैं. इससे केंद्र सरकार की लगातार किरकिरी हो रही है और सरकार की साख पर भी असर पड़ा है. इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बुधवार को मीडिया से मुखातिब हुए और उनके सवालों का जवाब भी दिया.
मीडिया प्रमुखों के साथ बुलाई गई मीटिंग में प्रधानमंत्री ने घोटालों पर केंद्र सरकार द्वारा कड़े कदम उठाए जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे देश का आत्मविश्वास टूटे. पीएम ने कहा, ‘हमें कोशिश करना चाहिए कि संसद का अगला सत्र कामयाब रहे.’
प्रधानमंत्री ने मीडिया प्रमुखों से मुखातिब होते हुए कहा कि मीडिया अपनी रिपोर्टिंग में सिर्फ सरकार की कमी ना गिनाए. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और विकास दर 8.6 फीसदी रहेगी. खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि महंगाई से लड़ने के सभी हथियार हमारे पास नहीं है.
उन्होंने कहा कि सुधार और विकास कार्यक्रमों में विपक्ष और बीजेपी अड़ंगा डालता है. पिछले संसद सत्र को चलने नहीं दिया गया इसका कारण मुझे समझ में नहीं आया. लेकिन, मेरा मानना है कि संसद का अगला सत्र सही से चले यह देश की जरूरत है. {mospagebreak}
2जी घोटाले पर इंडिया टुडे ग्रुप के ग्रुप एडिटर, अरुण पुरी ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि क्या 2जी पर राजा को चेतावनी दी थी?
प्रधानमंत्री ने अरुण पुरी के सवाल के जवाब में कहा कि मैंने राजा को 2007 में राजा को चिट्ठी लिखा थी जिसके जवाब में राजा ने कहा था कि मैंने नियमों का पालन किया है. राजा ने ईमानदारी की बात कही थी. मुझे लगा कि राजा नियमों के मुताबिक चल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘2जी के मसले पर वित्त मंत्रालय से भी बात हुई थी’.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2जी आवंटन ट्राई और टेलीकॉम कमीशन को भरोसे में लेकर ही किया गया था. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘राजा को मंत्री पद देने के पीछे क्या बात हुई मुझे पता नहीं’. उन्होंने कहा, ‘राजा डीएमके की सलाह से मंत्री बने’.
जब प्रधानमंत्री से पूछा गया कि क्या वो जेपीसी के सामने आने से डरते हैं तो उन्होंने कहा कि वो किसी भी कमिटी के सामने आने से नहीं डरते और ना ही उन्होंने कभी जेपीसी कि खिलाफत करेंगे. साथ ही जब उनसे पूछा गया कि क्या वो इस्तीफा देने का मन बना रहे हैं तो उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने पीएम बनाया है और कई काम करने को हैं तो ऐसे में इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं उठता.{mospagebreak}
पूर्वोत्तर की समस्या पर जब सवाल पूछा गया कि, क्या सरकार उल्फा की समस्या को लेकर एक खास समय उसके निदान की सोच रही है तो प्रधानमंत्री ने कहा कि असम सरकार बेहतर काम कर रही है. उन्होंने कहा, ‘मैंने बात शुरु की है और यह सकारात्मक पहल है.’
स्टार न्यूज के शाजी जमा ने पूछा कि घोटालों में शामिल मंत्रियों पर उठ रहे सवाल को लेकर क्या आपको लगा कि इसकी नैतिक जिम्मेदारी आपके ऊपर भी आती है? प्रधानमंत्री ने कहा कि गठबंधन सरकार की कुछ मजबूरी भी होती है. अगर हरेक बात पर ऐसा होने लगे तो प्रत्येक छह महीने पर चुनाव होते रहेंगे जो कि ठीक नहीं होगा.
तमिलनाडु में श्रीलंकाई सेना के द्वारा भारतीय मछुआरों को मारे जाने की घटना पर मनमोहन सिंह ने कहा कि वह इस मसले पर श्रीलंका की सरकार से बात कर रहे हैं.
जी न्यूज से सतीश के सिंह ने पूछा कि मीडिया जब भ्रष्टाचार के मामले सरकार के सामने लाता है तभी सरकार जागती है, ऐसा क्यों? इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझसे भी गलतियां हुई हैं लेकिन उतना नहीं जितना प्रचारित किया जा रहा है.
अंत में उन्होंने कहा कि मुझे जितना दोषी दिखाया गया है, मैं उतना दोषी नहीं हूं.