ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिये चुनी गयी भारतीय वनडे टीम से बाहर किये जाने से वह आहत होने के बजाय हैरान थे.
हरभजन ने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं आहत था. मैं इसके बजाय हैरान था. मैं युवा खिलाड़ियों को ‘आल द बेस्ट’ कहता हूं. मैं अपना अनुभव उनके साथ साझा करने में काफी खुशी महसूस करता जैसे मेरी मदद सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले और सौरव गांगुली ने की थी, जब मैं शुरूआत कर रहा था.’
इंग्लैंड के निराशाजनक दौरे के बाद टीम से बाहर किये गये हरभजन ने कहा कि भारतीय टीम का हिस्सा नहीं रहने के बावजूद वह अपने साथी खिलाड़ियों को इंग्लैंड से आगामी पांच मैचों की श्रृंखला में बदला चुकता करते हुए देखना चाहते हैं. वनडे श्रृंखला शुक्रवार से हैदराबाद में शुरू हो रही है.
इंग्लैंड ने हाल में भारत को टेस्ट श्रृंखला में 0-4 से शिकस्त दी थी और पांच मैचों की वनडे श्रृंखला में भी टीम इंडिया को 0-3 से हार का मुंह देखना पड़ा था. इंग्लैंड में हरभजन का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था जिसमें उन्होंने 69.4 ओवर में 143.50 के औसत से केवल दो विकेट चटकाये थे और उनका इकोनोमी रेट 4.11 रहा था. इसके बाद दूसरे मैच के दौरान उनके पेट में चोट लग गयी थी और उन्हें बचे हुए पूरे दौरे से बाहर होना पड़ा.
उन्होंने कहा, ‘हरभजन सिंह के कोई मायने नहीं है. महत्वपूर्ण यह है कि भारत को आगामी पांच मैचों की वनडे श्रृंखला में इंग्लैंड को हराना चाहिए और बदला चुकता करना चाहिए जिसका मुझे पूरा भरोसा है कि वे अगले दो हफ्तों में ऐसा कर लेंगे.’
हरभजन ने कहा, ‘आखिरकार हम सभी देश के लिये खेल रहे हैं. हम ऐसी टीम से बदला चुकता करना चाहते हैं जिसने हाल में हमारे खिलाफ इतना अच्छा प्रदर्शन किया है.’ इस ऑफ स्पिनर ने कहा कि भारत को इंग्लैंड के हाथों मिली हार से वह खुद के टीम से बाहर किये जाने से अधिक आहत थे और यह उनके लिये बुरे सपने की तरह रहेगा.
उन्होंने कहा, ‘शीर्ष पर पहुंचने के लिये हमने काफी कड़ी मेहनत की थी और हम तब तक आराम नहीं करेंगे जब तक हम इसे दोबारा हासिल नहीं कर लेते. हम चैन से नहीं बैठेंगे.’ आलोचकों को अब हरभजन की गेंदबाजी में कमियां दिखने लगी हैं जिसमें अब पैनी धार दिखायी नहीं पड़ती लेकिन यह गेंदबाज इससे इत्तेफाक नहीं रखता.