बीएस येदियुरप्पा के बाद कर्नाटक का तख्तो ताज किसे पहनाया जाए, ये तय करने के लिए बैंगलोर में विधायक दल की बैठक होने जा रही है. लेकिन मंगलवार को फेयरवेल पार्टी में जाते-जाते भी येदियुरप्पा ने धमक कायम रखने की पूरी कोशिश की.
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उन्होंने सरकार के आला अधिकारियों को कहा कि 6 महीने के अंदर वो फिर मुख्यमंत्री बनेंगे. उन्हें पूरा यकीन है कि इन 6 महीनों में वो संकट से उबर जाएंगे और ये ही वजह है कि वो मुख्यमंत्री की कुर्सी सदानंद गौड़ा को सौंपकर जाना चाहते हैं. ये बयान न सिर्फ येदियुरप्पा की मंशा जाहिर करती है बल्कि इसी में छुपा है वो राज भी कि क्यों कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री का फैसला जल्द नहीं हो पा रहा है.
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येदियुरप्पा की मंशा तभी पूरी होगी जब कर्नाटक का नया मुख्यमंत्री उनकी पकड़ का होगा. और इस लिहाज से येदियुरप्पा के खासमखास सदानंद गौड़ा कर्नाटक की सीएम की कुर्सी के सबसे मजबूत दावेदार हो जाते हैं. लेकिन पंचायती राज मंत्री जगदीश शेट्टार की भी विधायकों पर पकड़ कम नहीं और इसलिए वो भी सीएम पद के मजबूत दावेदार हैं.
लेकिन दो मजबूत दावेदारों में से एक का फैसला कैसे हो. फैसला मुश्किल है और इसलिए राजनाथ सिंह और अरुण जेटली फिर से पहुंचे हैं बैंगलौर. अभी तक जो तस्वीर उभर कर सामने आ रही है उसमें जगदीश शेट्टार और सदानंद गौड़ा दोनों ही मुख्यमंत्री पद के बराबर के दावेदार हैं और दोनों में से किसी एक का चयन कर्नाटक के कलह को खत्म करने के बजाए बढ़ा सकता है.
इसलिए हो सकता है कि अंत तक एक मुख्यमंत्री और एक उपमुख्यमंत्री जैसा कोई फार्मूला सामने आ जाए. गौरतलब है कि कर्नाटक के लोकायुक्त ने येदियुरप्पा पर अवैध खनन में लिप्त रहने का आरोप लगाया है, जिसके बाद पार्टी के दबाव में उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा.
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