राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि वह भविष्य में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के अपने निर्णय पर दृढ़ हैं लेकिन स्पष्ट किया कि वह सार्वजनिक जीवन से सेवानिवृत नहीं होंगे.
पवार ने कहा कि वह 2009 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के दवाब में उन्हें ऐसा करना पड़ा.
राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘मैंने चुनावी राजनीति से खुद को अलग करने का काफी पहले ही निर्णय कर लिया था जब मेरी पुत्री (सुप्रिया सुले) ने बारामती लोकसभा सीट के प्रबंधन में रूचि लेनी शुरू कर दी थी.’ उन्होंने कहा, ‘मैं 1962 से चुनाव लड़ता आया हूं और हमेशा जीतता रहा हूं. अब मैं सोचता हूं कि मुझे आराम करना चाहिए. लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि मैं राजनीति छोड़ दूंगा. मैं पार्टी के कार्य के लिए समर्पित रहूंगा और सामाजिक कार्य भी करूंगा.’ पवार ने कहा कि उन्होंने अभी यह तय नहीं किया है कि राज्य सभा की सदस्यता लेनी है या नहीं.