गृह मंत्रालय में काम करने वाले एक आईएएस अधिकारी के कार्यालय और आवास पर कथित तौर पर संवेदनशील सूचनाओं को लीक करने के आरोप में छापे मारे गए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर कुछ दूरसंचार कंपनियों को नंबर पोर्टेबेलिटी मुद्दे पर व्यावसायिक हितों से संबंधित सूचनाएं लीक करने का आरोप है.
सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल कैडर के 1994 बैच के आईएएस अधिकारी और संवेदनशील आंतरिक सुरक्षा विभाग में निदेशक पर तैनात रवि इंदर सिंह पर दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ निगरानी रखे हुए था और आज शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया जिसके बाद उनके कार्यालय एवं आवास पर छापेमारी की गई.
सूत्रों ने कहा कि उन पर अपने पद के दुरुपयोग, आर्थिक लाभ और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत अवैध रिश्वत का मामला दर्ज किया जा सकता है.
सूत्रों ने कहा कि मोबाइल फोन के नंबर पोर्टेबिलिटी मुद्दे पर वह कुछ दूरसंचार कंपनियों के आपराधिक षड्यंत्र में शामिल थे. नंबर पोर्टेबिलिटी 25 नवंबर से हरियाणा में शुरू हो रहा है.
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलीटी में मोबाइल फोन उपभोक्ता अपना नंबर बदले बगैर सेवा प्रदाता को बदल सकेंगे.
बहरहाल दिल्ली पुलिस इस बारे में कुछ नहीं बता रही है और इसके विशेष आयुक्त पी एन अग्रवाल ने दावा किया कि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. इससे पहले गृह सचिव जी के पिल्लै ने कहा कि गृह मंत्रालय से बाहर संवेदनशील सूचनाएं लीक करने के आरोप में सिंह के आवास और कार्यालय पर छापेमारी की गई.
गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि सिंह सुरक्षा मंजूरी के सिलसिले में संवेदनशील सूचनाएं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को लीक कर रहे थे. अधिकारी पर करीब एक महीने से निगरानी रखी जा रही थी. गृह मंत्रालय का आंतरिक सुरक्षा विभाग सबसे संवेदनशील विंग माना जाता है जो देश की सुरक्षा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को संचालित करता है.