विश्वकप 2015 में टीमों की संख्या घटाकर 10 करने के फैसले पर आलोचना झेल रही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने एसोसिएट देशों को टूर्नामेंट में बरकरार रखने का निर्णय लिया. इससे विश्वकप में 14 टीमों वाला प्रारूप ही लागू रहेगा.
आईसीसी ने अप्रैल में तय किया था कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में होने वाले 2015 विश्वकप में 10 शीर्ष टीमें ही हिस्सा लेंगी. आयरलैंड और हालैंड जैसे एसोसिएट देशों ने इसका भारी विरोध किया था. एक दिन पहले तक यह तय नहीं था कि 2015 विश्वकप में कितनी टीमें होंगी. आईसीसी के मुख्य कार्यकारियों की समिति ने सुझाव दिया था कि विश्वकप में भागीदारी के लिये क्वालीफाइंग टूर्नामेंट होना चाहिये.
आईसीसी की सालाना आम बैठक के तीसरे दिन आईसीसी के कार्यकारी बोर्ड ने फैसला लिया कि विश्वकप में 14 टीमें होंगी. इसमें 10 पूर्णकालिक सदस्यों के अलावा चार एसोसिएट टीमें हिस्सा लेंगी जैसा इस साल भारतीय उपमहाद्वीप में हुए विश्वकप में देखा गया था.
वेबसाइट के अनुसार कुछ सदस्यों का मानना था कि एसोसिएट टीमों की भागीदारी खेल को बढ़ावा देने के मसले का हिस्सा थी जो बैठक में रखा गया आखिरी बड़ा मसला था. आईसीसी अध्यक्ष की नियुक्ति की रोटेशन प्रणाली समाप्त करने के मसले पर भी चर्चा हुई. इसके लिये लागू नियम में बदलाव के लिये दस पूर्णकालिक सदस्यों में से आठ और 50 एसोसिएट देशों में से 38 को प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करना होगा.
इस फैसले के बाद अब एसोसिएट देशों के मत औपचारिकता मात्र रह गए हैं. पाकिस्तान और बांग्लादेश ने नीति में बदलाव का विरोध किया है. रोटेशन के तहत अगला अध्यक्ष और उपाध्यक्ष इन्हीं पूर्णकालिक सदस्य देशों से आना है.