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'आईएसआई के थे राणा और हेडली से संबंध'

वर्ष 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले के लिए जमीनी कार्य में अपनी भूमिका स्वीकारने वाले पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली ने कहा है कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को गुप्तचर एजेंसी आईएसआई से सहयोग मिला था.

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वर्ष 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले के लिए जमीनी कार्य में अपनी भूमिका स्वीकारने वाले पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली ने कहा है कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को गुप्तचर एजेंसी आईएसआई से सहयोग मिला था और दोनों एक दूसरे के साथ समन्वय कर रहे थे.

मुम्बई आतंकवादी हमले के लिए लश्कर ए तैयबा हो ही जिम्मेदार ठहराया जाता है.

हेडली की गवाही ऐसे समय में आयी है जब मुम्बई आतंकवादी हमले के सहआरोपी एवं उसके पुराने मित्र पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ सुनवायी आज शिकागो सिथत डर्कसन संघीय बिल्डिंग में शुरू हुई. हेडली भी मुम्बई आतंकवादी हमले में सहआरोपी है.

हेडली ने कहा कि आईएसआई ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा को मदद दी. उसने कहा कि उसने सबसे पहले लगभग एक दशक पूर्व लश्कर-ए-तैयबा के साथ प्रशिक्षण लिया. उसने यह भी कहा कि लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख एवं नवम्बर 2008 में हुए मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकारी हाफिज मोहम्मद सईद उसे ‘जिहाद’ के लिए प्रेरित किया. सईद ने उसे कहा कि ‘जिहाद’ से एक सेकंड के लिए मिलने वाला आत्मसंतोष 100 वर्ष की इबादत के बराबर है.

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मुम्बई आतंकवादी हमला मामले की अमेरिका में सुनवायी के दौरान अभियोजन पक्ष ने अपने शुरूआती जिरह में कहा कि पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई के राणा और डेविड हेडली के साथ संबंध थे. हेडली ने दोपहर के भोजन से पहले की सुनवाई के दौरान कहा कि वह चाहता था कि संगठन उसे जम्मू कश्मीर भेजे लेकिन लश्कर ए तैयबा के आकाओं ने उससे कहा कि वे उसके लिए कुछ काम तलाश करेंगे. उसने कहा कि वह भारत से नफरत करता था.

उसने कहा कि वह आईएसआई के मेजर इकबाल के सम्पर्क में था. पाकिस्तान के सैनिक स्कूल के समय से राणा के मित्र हेडली ने दावा किया कि मुम्बई आतंकवादी हमले से दो वर्ष पहले से ही उसने इसके लिए जमीन तैयार करनी शुरू कर दी थी. इसके लिए मेजर इकबाल ने 25 हजार डालर की वित्तीय सहायता मुहैया करायी थी.

हेडली ने कहा कि जब लश्कर ए तैयबा के नेताओं ने भारत में संभावित हमले के बारे में बात करनी शुरू की तो उसने कहा कि वह इसमें शामिल होना चाहता है. उसने कहा, ‘मैंने सुझाव दिया कि मैं अपना नाम बदलकर नया पासपोर्ट बनवाता हूं ताकि मेरे लिए भारत में बिना पकड़े प्रवेश करना आसान हो जाये.’

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