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आदेश मिला, तो लड़ूंगा लोकसभा चुनाव: दिग्विजय

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन यदि पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट दिया, तो वह इस आदेश का पालन अवश्य करेंगे.

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दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह

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कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन यदि पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट दिया, तो वह इस आदेश का पालन अवश्य करेंगे.
अपने पुत्र जयवर्धन सिंह की राघोगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में पदयात्रा के दूसरे चरण की समाप्ति पर बुधवार को धरनावदा में एक आम सभा के बाद उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस महासचिव से पूछा गया था कि उन्होंने वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की पराजय की जिम्मेदारी लेते हुए दस साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ने और लाभ का कोई पद स्वीकार नहीं करने की कसम खाई थी, तो क्या वह वर्ष 2013 में यह समय पूरा होने के बाद चुनाव लड़ेंगे.
इस पर उन्होने कहा, ‘‘मैं विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगा, लेकिन यदि पार्टी मुझे लोकसभा चुनाव में टिकट देगी, तो उसके आदेश का पालन जरूर करंगा.’’ यह पूछने पर कि उन्होंने अपने पुत्र जयवर्धन सिंह को राजनीति का क्या पाठ पढ़ाया है, सिंह ने कहा कि राजनीति पढ़ाई नहीं जाती... खुद पढ़ी जाती है.
मैंने जयवर्धन को इतना ही कहा कि गर्मी बहुत है और वह जूते-मोजे के बजाए सैंडिल पहने तो अच्छा रहेगा. इससे पहले आम सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते जो कहा वह कर दिखाया, यही कांग्रेस का चरित्र है, लेकिन भाजपा जो कहती है, वह करती नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाया कि वह केन्द्र सरकार की योजनाओं का झूठा श्रेय लेने के आदी हो चुके हैं.
आम सभा में लोगों द्वारा जयवर्धन के लिए लगाए जा रहे नारों पर उन्होंने कहा कि यदि उनके पुत्र को विधानसभा चुनाव का टिकट देगी, तो वह लड़ेंगे, लेकिन इसका अंतिम निर्णय पार्टी ही करेगी. उन्होंने अपने पुत्र को अब जनता के हाथों में सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वह (जयवर्धन) इस गर्मी में पदयात्रा कर सकेंगे, लेकिन उन्होंने यह काम करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया. सोलह वर्ष पूरे करने के बाद जयवर्धन से उनके संबंध मित्रवत हैं और उन्होंने किसी निर्णय के लिए उन पर कोई दबाव नहीं डाला है.
इस अवसर पर जयवर्धन ने कहा कि आज यदि उनके पिता राष्ट्रीय राजनीति में मुकाम बना पाए हैं, तो इसका श्रेय क्षेत्र की जनता को है. वह खुद को भी क्षेत्र की जनता को सौंपते हैं, वह जो आदेश देगी, उसका वह तहेदिल से पालन करेंगे.
उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ चुके अपने चाचा लक्ष्मण सिंह का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग अफवाह फैलाते हैं कि किले (राघोगढ़ निवास) में विवाद था अथवा रहेगा, लेकिन ‘हम सब एक हैं’, और किले में कोई सेंध नहीं लगा सकता है.
आमसभा को राघौगढ़ विधायक मूल सिंह, जिला कांग्रेस अध्यक्ष योगेन्द्र लुम्बा, जिला पंचायत अध्यक्ष सुमेर सिंह आदि ने भी संबोधित किया.

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