इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2012 का समापन सत्र लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप काफी धमाकेदार रहा. विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी ने बेबाक बयानों के जरिए खूब सुर्खियां बटोरीं.
सलमान रुश्दी ने इमरान खान पर कटाक्ष करने का कोई मौका नहीं गंवाया, जिन्होंने अंतिम क्षणों में अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया था.
सलमान रुश्दी ने कहा कि वे इमरान खान के आभारी हैं, जिन्होंने कॉन्क्लेव में अपना संबोधन न करने का फैसला किया, जिससे उन्हें बोलने का ज्यादा मौका हासिल हो गया.
रुश्दी ने इस बात से साफ तौर पर इनकार किया कि इमरान खान ने अंत समय में कॉन्क्लेव में शिरकत न करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले इमरान ने 28 फरवरी को, फिर चार दिन बाद ही इस बारे में जानकारी दे दी थी. इन दोनों ही मौकों पर इमरान ने कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की थी.
हालांकि कॉन्क्लेव शुरू होने से केवल एक दिन पहले इमरान खान के एक प्रवक्ता ने वक्तव्य जारी किया कि इमरान एक ऐसे व्यक्ति के साथ नजर नहीं आना चाहते हैं, जिसने मुसलमानों के हृदय को गहरी पीड़ा पहुंचाई हो.
सलमान रुश्दी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को गहरी पीड़ा तो पाकिस्तान में जम चुके आतंकवादियों ने पहुंचाई है, जिन्होंने भारत जैसे देशों पर हमले किए.
रुश्दी यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने कहा कि इमरान पुरानी दुनिया के इंसान मालूम पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि एक समय लंदन में इमरान का उपनाम ही था, 'आई एम द डिम'.
सलमान रुश्दी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी इस बात के लिए आड़े हाथों लिया कि ये कथित तौर पर कॉन्क्लेव में उनकी (रुश्दी) उपस्थिति की वजह से ही शिरकत नहीं कर रहे हैं.