देश में सरकारी स्तर पर तामझाम के साथ मनाये जाने वाले स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयन्ती और गणतंत्र दिवस आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय पर्व नहीं हैं. खुद सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत मांगी गयी जानकारी में यह बात कही है.
लखनऊ की एक छात्रा ऐश्वर्या पाराशर ने गत 25 अप्रैल को आरटीआई अर्जी भेजकर प्रधानमंत्री कार्यालय से 15 अगस्त, दो अक्तूबर और 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व घोषित किये जाने संबंधी आदेश की सत्यापित प्रति मांगी थी.
प्रति के मुताबिक गत 17 मई को गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गये जवाब में 15 अगस्त, दो अक्तूबर और 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व घोषित किये जाने संबंधी आदेश के बारे में स्पष्ट कहा गया, ‘इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.’
ऐश्वर्या के मुताबिक उसने गत 31 जुलाई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को लिखे पत्र में कहा कि उसने 28 मई को गृह मंत्रालय को भेजी गयी अपील में कहा था कि उससे संभवत: आरटीआई अर्जी का जवाब देने में कुछ गलती हो गयी है. हालांकि 21 जून को उसे फिर पुराना जवाब मिला और उसके पत्र को राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास भेज दिया गया.
छात्रा ने बताया कि उसने मुखर्जी को लिखे पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय अभिलेखागार ने गत 23 जुलाई को भेजे गये जवाब में जानकारी दी है कि उसके पास 15 अगस्त, दो अक्तूबर और 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व घोषित किये जाने संबंधी कुछ फाइलें तो हैं लेकिन कोई सरकारी आदेश उसके पास भी नहीं है.
ऐश्वर्या ने राष्ट्रपति से 15 अगस्त, दो अक्तूबर और 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने संबंधी सरकारी आदेश जारी करने का अनुरोध किया है.