देशभर में हर ओर आज होली की धूम देखी जा रही है. लोग रंग-अबीर से सराबोर हो रहे हैं. छोटे-बड़े हर शहर में यह पर्व पारंपरिक तरीके से उत्साह के साथ मनाया जा रहा है.
होली के सतरंगी रंगों में रंगा है देश. फूलों की होली से लेकर लट्टमार होली तक के रंगों से सराबोर हैं लोग. राजधानी दिल्ली में होली अपने पूरे शबाब पर है. जगह-जगह होली मनाई जा रही है. पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके में शनिवार शाम को कुमाऊंनी होली की झलक देखने को मिली. इस होली की रंगत देखने लायक है. ये अपने ही तरीके की खास होली है.
होली के मौके पर जयपुर में हाथी पर बैठकर शाही होली खेली जा रही है. दुनिया भर से आए पर्यटकों ने जयपुर में हाथी पर बैठकर रंग गुलाल उड़ाए. कहते हैं कि जयपुर में राजे-रजवाड़े एक जमाने में हाथी पर बैठकर होली खेलते थे, लेकिन इस परंपरा को आज भी निभाया जा रहा है. जयपुर के पोलो मैदान पर विदेशी पर्यटकों ने हाथी पर टोलियों में बैठकर आपस में रंग-गुलाल का मजा लिया.
जयपुर विदेशी सैलानियों की पसंदीदा जगह है. होली के मौके पर आए सैलानी इस त्योहार का भरपूर लुत्फ उठा रहे हैं. तीन दिनों तक चलनेवाले उत्सव में रंग-गुलाल और फूलों के साथ होली खेली जा रही है.
{mospagebreak}उज्जैन में भगवान महाकाल को प्रिय भांग के रंग निराले है. होली पर भांग की मस्ती के साथ होली के रंग में सारा शहर मस्त हो जाता है. होली पर इसकी खपत दोगुनी हो जाती है. यहां पर महिला, बच्चे या फिर बूढे, जवान, जब तक वे भांग की मस्ती में मस्त नहीं हो जाते, तब तक होली का रंग उनके सिर पर नहीं चढता. पाकिस्तान से लगती राजस्थान की सीमा जैसलमेर और श्रीगंगानगर में तैनात बीएसएफ के जवान भी होली की मस्ती में डूबे नजर आ रहे है.
होली के रंग में वाराणसी का प्रसिद्ध बीएचयू संस्थान भी पूरी तरह से रंग गया है. यहां की छात्राएं तबले की थाप और संगीत की धुन पर थिरकते हुए होली खेल रही हैं. होली के मौके पर राग का रंग का अनूठा मेल यहां देखने को मिल रहा है.
यूपी के हमीरपुर में लाठियों से खेली जाती है होली. अबीर और गुलाल के बीच, ढोलक की थाप पर थिरकते हुए लाठियों का अचूक वार करते नौजवानों का जोश देखते ही बनता है.
यहां गांव-गांव में होरियारे लाठियां चलाकर होली खेलते हैं, तो महिलाएं भी होली गीत गाकर नाचते हुए होरियारों का हौंसला बढाती रहती हैं. वहीं बुजुर्ग भी अपनी इस परंपरा से खासा उत्साहित रहते हैं.
{mospagebreak}पुरी में होली के पावन अवसर पर जगन्नाथ जी मंदिर से निकलकर भक्तों के साथ भरी बाजार में होली खेलते हैं. भगवान जगन्नाथ को पंडा एक पालकी पर बैठाकर सैकड़ों भक्तों के साथ मंदिर से बाहर एक मंडप पर बैठाते हैं और जमकर तरह-तरह के गुलाल और रंगों के साथ भगवान जगन्नाथ के साथ होली खेलते हैं.
जहां पूरा देश रंगों के त्योहार होली में रंगों से सराबोर हो रहा है, वहीं हिमाचल प्रदेश डलहौज़ी में सैलानी रंगों के बजाये पहाड़ो पर जमी बर्फ को एक-दूसरे के चेहरे पर लगाकर होली मना रहे है.