अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तेल कीमतों में हो रही वृद्धि के लिए भारत, चीन व ब्राजील जैसे देशों में बढ़ रही मांग को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वियों पर तेल कीमतों में वृद्धि का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
ओबामा ने यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी में गुरुवार को विद्यार्थियों से कहा, 'गैस कीमतें घटाने के बारे में झूठे वादे करना दुनिया में सबसे आसान है. लेकिन एक ऐसी समस्या के समाधान का गम्भीर, स्थिर वादा करना कठिन है, जो कि एक वर्ष या एक कार्यकाल या यहां तक कि एक दशक में भी नहीं सुलझ सकता.'
ओबामा ने स्वीकार किया कि बढ़ रही गैस कीमतें अमेरिकियों की जेब पर भारी पड़ रही हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि तेल की ऊंची कीमतों के लिए उनकी सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने इसके लिए चीन, भारत और ब्राजील में बढ़ रही मांग को जिम्मेदार ठहराया.
ओबामा ने कहा, 'लम्बी अवधि तक तेल कीमतें इसलिए बढ़ती रहेंगी, क्योंकि चीन, भारत और ब्राजील जैसे देशों में मांग बढ़ रही है.'
ओबामा ने कहा, '2010 में अकेले चीन में लगभग एक करोड़ कारें बढ़ीं- यानी एक वर्ष में एक देश में एक करोड़ कार. सोचिए कितने अधिक तेल की जरूरत होगी.'
ओबामा ने कहा, 'चीन, भारत व ब्राजील में लोग अमेरिकियों की तरह ही एक कार खरीदने का सपना देखते हैं, और ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है.'
ओबामा ने कहा, 'ऐसे में हमारे लिए इसका क्या अर्थ है? इसका अर्थ यह है कि जो व्यक्ति आपसे कहता है कि हम इस समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं, उसे यह पता ही नहीं है कि वह क्या कह रहा है, या फिर वह आपसे सच नहीं बोल रहा है.'
जहां रिपब्लिकन सांसदों और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों ने हाल के दिनों में ओबामा की ऊर्जा नीति पर हमले किए हैं, वहीं ओबामा ने कहा है कि वे गैस कीमतों में वृद्धि का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं.
ओबामा ने अमेरिकियों से आग्रह किया कि उन्हें रिपब्लिकन के अधिक तेल दोहन के आह्वान के झांसे में नहीं आना चाहिए. 'यह हमारी ऊर्जा चुनौती के समाधान की कोई रणनीति नहीं है. यह महज राजनेताओं की चुनावी रणनीति है.'