गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने चालू वित्त वर्ष में नौ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल होने की उम्मीद व्यक्त करते हुये यहां कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत और चीन ही दो बडे राष्ट्र रहे जो लगातार उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करते रहे.
राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज द्वारा प्रायोजित और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित चार दिवसीय विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुये चिदंबरम ने कहा कि अमेरिका में पुराने बैंक ताश के पत्तों से बने घर की तरह गिर पडे, यूरोप में भी कई बैंक ध्वस्त हो गये. कई देशों में आर्थिक वृद्धि नकारात्मक हो गई लेकिन बडे देशों में चीन और भारत ही ऐसे रहे जिनमें इस दौरान आर्थिक वृद्धि शून्य से नीचे नहीं गई बल्कि अच्छी वृद्धि का रुख बना रहा.
उन्होंने कहा आर्थिक संकट के दौर में भी भारत की आर्थिक वृद्धि अच्छी बनी रही. वर्ष 2004 से लेकर 2008 के बीच भारत की औसत वृद्धि दर 8. 5 प्रतिशत रही. वैश्विक वित्तीय संकट के दौर में भी भारत की आर्थिक वृद्धि 6. 7 प्रतिशत रही. जहां एक तरफ अमेरिका में इस दौरान 1,000 से अधिक बैंक ध्वस्त हो गये भारत में एक भी बैंक अथवा वित्तीय संस्थान संकट में नहीं फंसा.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2009-10 में भारतीय अर्थव्यवस्था आठ प्रतिशत की दर से बढी. मुझे इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा कि इस साल यह 9 प्रतिशत की दर से बढती है. उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन :सीएसओ: ने इस साल 8. 6 प्रतिशत वृद्धि का अग्रिम अनुमान जारी किया है. रिजर्व बैंक और केन्द्र सरकार 8. 5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि के अनुमान पर टिके हैं.