भारत और पाकिस्तान संबंधों के बीच जमी बर्फ को पिघलाने और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करने के लिए भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिव के रविवार को थिंपू में मुलाकात करेंगे.
पाकिस्तान के विदेश सचिव सलमान बशीर और भारत की विदेश सचिव निरूपमा राव के बीच होने वाली इस मुलाकात को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय पक्ष की तरफ से मुंबई हमले की जांच और सुनवाई में हुई प्रगति का मुद्दा उठाया जाएगा. हालांकि वार्ता की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस बम धमाके के मामले को मुंबई हमले की सुनवाई से जोड़ने की वकालत की लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया.
पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस मामले की जांच में भारत की धीमी प्रक्रिया और मुंबई हमले की जांच के आरोपियों की जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग को ध्यान में रखते हुए कहा ‘जो कहा जाता है और जो किया जाता है, इन दोनों के बीच की खाई को पाटने की जरूरत है.’ भारत ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि इन दोनों मामलों को एक ही तराजू पर नहीं तौला जा सकता है. मुंबई हमले में जहां सुराग बिल्कुल साफ हैं वहीं समझौता मामले में ऐसा नहीं है.{mospagebreak}
राव और बशीर थिंपू में होनेवाले विदेश सचिवों और मंत्रिपरिषद् के दक्षेस सम्मेलन में शिरकत करने के लिए पहुंचे हैं. दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच पिछले साल जुलाई महीने में पाकिस्तान में हुई वार्ता के बाद यह पहली बातचीत होगी. पिछले साल की बैठक नाकाम रही थी.
वर्तमान बैठक को लेकर आशा की जा रही है कि दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच आतंकवाद, व्यापार और परस्पर समन्वय बढ़ाने पर बातचीत होगी. सूत्रों ने बताया ‘हमारी कोशिश है कि बंद पड़ी वार्ता प्रक्रिया शुरू की जाए और इसे आगे बढ़ाने के लिए सही रास्ते का चुनाव किया जाए.’
दूसरी तरफ पाकिस्तान ने इस बात के साफ संकेत दिए हैं कि वह कल की बैठक में समझौता एक्सप्रेस मसले को उठाएगा. भारतीय पक्ष का कहना है कि वह इसके लिए तैयार तो है लेकिन अभी पूर्वानुमान नहीं लगाना चाहता है कि इससे बैठक पर कोई असर पड़ेगा या नहीं. भारत, पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर मसले को उठाए जाने की भी आशा कर रहा है.
भारत अपनी तरफ से सीमापार के आतंकवाद और मुंबई हमलों को लेकर पाकिस्तान की तरफ से हुई हालिया प्रगति और प्रयासों के बारे में सवाल उठाएगा. सूत्रों ने कहा ‘किसी भी वार्ता के दौरान, दोनों पक्ष अपने-अपने हितों से संबंधित मुद्दों को उठाते हैं. {mospagebreak}
पाकिस्तान अपने हित का मुद्दा उठाएगा और हम अपने हित का मुद्दा उठाएंगे. हमारा साफ मानना है कि आगे बढ़ने के लिए वार्ता ही सबसे बढ़िया रास्ता है.’
यह वार्ता संभवत इस बात का निर्णय करेगी कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कब भारत की यात्रा कर सकते हैं. कुरैशी को विदेश मंत्री एस एम कृष्णा पहले की निमंत्रण दे चुके हैं. कुरैशी इसे स्वीकार भी कर चुके हैं. वार्ता के परिणाम के बारे में किसी तरह की भविष्यवाणी करने से बचते हुए सूत्रों ने कहा ‘विदेश सचिवों की एक बैठक से समस्याओं का समाधान नहीं हो जाएगा. हां इतना जरूर है कि यह समाधान के रास्तों का निर्माण करेगा.’