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कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए यथासंभव प्रयास किया: मुशर्रफ

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि उनके कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर शांति के बिल्कुल करीब पहुंच गए थे लेकिन दुर्भाग्य से उनके यथासंभव प्रयास के बाद भी यह फलीभूत नहीं हो पाया.

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पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि उनके कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर शांति के बिल्कुल करीब पहुंच गए थे लेकिन दुर्भाग्य से उनके यथासंभव प्रयास के बाद भी यह फलीभूत नहीं हो पाया.

मुशर्रफ ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सही मायने में इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

उन्होंने एनपीआर के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘मैं निश्चित तौर पर इसके लिए प्रयास कर रहा था. मैंने शांति कायम करने के प्रति प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ईमानदारी की हमेशा ही सराहना की है.’

पूर्व पाकिस्तानी सैन्य शासक ने कहा, ‘और हम कश्मीर मुद्दे पर शांति के बिल्कुल करीब पहुंच गए थे, हमने कुछ निश्चित मापदंड बनाए थे और हम समझौता तैयार करने की दिशा में आगे भी बढ़ रहे थे लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका, लेकिन मैंने यथासंभव प्रयास किया.’ मुशर्रफ अपनी राजनीतिक वापसी के लिए समर्थन जुटाने के लिए फिलहाल अमेरिका में हैं.

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मुशर्रफ ने कहा, ‘और मुझे लगता है कि शांति ही आगे का एकमात्र रास्ता है- दुनिया के भले के लिए जो कश्मीर को (भारत और पाकिस्तान के बीच) परमाणु तनातनी की वजह मानता है और दक्षेस के भले के लिए जो संघर्ष की वजह से और भारत एवं पाकिस्तान की वजह से कमजोर पड़ गया. और यह द्विपक्षीय पाकिस्तान-भारत लाभों-सामाजिक आर्थिक लाभों के लिए जरूरी है और ये लाभ दोनों देशों के बीच शांति से मिलेंगे.’

हाल ही में अपनी ‘ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग’ की स्थापना करने वाले मुशर्रफ ने मंगलवार को ही विदेशी संबंध परिषद में कहा था, ‘यदि मुझे बेबाक होने की इजाजत हो तो मैं कहूंगा कि अफगानिस्तान में भारत की भूमिका पाकिस्तान विरोधी अफगानिस्तान के निर्माण की है.’

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