भारत और पाकिस्तान ने बहुप्रतीक्षित उदार वीजा समझौते पर दस्तखत कर दिए, जिसमें पहली बार सामूहिक पर्यटक और तीर्थयात्री वीजा, व्यवसायियों के लिए अलग से वीजा और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को देश पहुंचने पर वीजा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है.
इस समझौते पर विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने हस्ताक्षर किए. इसने 38 साल पुराने प्रतिबंधात्मक वीजा समझौते की जगह ली है.
नया समझौता समयसीमा के भीतर वीजा मंजूरी और लोगों से लोगों के बीच संपर्क तथा व्यापार बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा.
गैर राजनयिक वीजा जारी करने के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं थी, लेकिन नया समझौता कहता है कि आवेदन के 45 दिन के भीतर वीजा जारी किया जाना चाहिए. नए समझौते के तहत कोई व्यक्ति वर्तमान तीन की बजाय अब पांच स्थानों का दौरा कर सकता है और यह 65 साल से अधिक उम्र के लोगों तथा 12 साल से कम उम्र के बच्चों तथा ‘‘जाने माने’’ व्यवसायियों को पुलिस को रिपोर्ट करने से छूट प्रदान करता है.
विजिटर वीजा श्रेणी के तहत पूर्व में एकल प्रवेश वीजा केवल तीन महीने के लिए जारी किया जाता था और इसका इस्तेमाल रिश्तेदारों, मित्रों से मिलने, व्यवसाय या अन्य किसी वैध उद्देश्य के लिए होता था. काम या व्यवसाय के सिलसिले में वीजा की अवधि केवल एक साल तक के लिए विस्तारित की जा सकती थी.
नए समझौते के तहत एकल प्रवेश वीजा छह महीने और पांच स्थानों के लिए जारी किया जाएगा, लेकिन एक बार में तीन महीने से अधिक रुकने का प्रावधान नहीं होगा.
नयी श्रेणी-2 के तहत अधिकतम पांच स्थानों के लिए जारी विजिटर वीजा वरिष्ठ नागरिकों (65 साल से अधिक उम्र) को बहुप्रवेश की व्यवस्था के साथ दो साल की अवधि तक के लिए विस्तारित किया जा सकेगा. एक राष्ट्र के नागरिक द्वारा दूसरे राष्ट्र के नागरिक से शादी किए जाने और 12 साल से कम उम्र के मामले में स्थिति पूर्व की तरह ही रहेगी.
नया सामूहिक पर्यटक वीजा कम से कम 10 लोगों और अधिक से अधिक 50 लोगों के लिए जारी किया जाएगा. यह वीजा 30 दिन के लिए वैध होगा और इसका आवेदन दोनों देशों की सरकारों से पंजीकृत टूर ऑपरेटरों के जरिए करना होग.
‘समूह पर्यटन’ वीजा दोनों देशों के शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने वालों छात्रों को भी मिल सकेगा. हालांकि यह सिर्फ पर्यटन वीजा होगा. इसके आधार पर दोनों देशों के किसी शिक्षण संस्थान में दाखिला नहीं लिया जा सकेगा.
बीजनेस वीजा की दो श्रेणियां हैं. पहली श्रेणी में, ऐसे उद्योगपति जिनकी सलाना आय पांच लाख पाकिस्तानी रुपये, या उसके बराबर, या फिर सलाना बिक्री या करोबार 30 लाख पाकिस्तानी रुपए के बराबर हो, उसे एक वर्ष के लिए बिजनेस वीजा दिया जाएगा . इस वीजा से वह पांच शहरों में जा सकता है और उसपर चार एंट्री हो सकती है.
दूसरी श्रेणी में, ऐसे उद्योगपति जिनकी सलाना आय कम से कम 50 लाख पाकिस्तानी रुपये, या उसके बराबर, या फिर सलाना बिक्री या करोबार तीन करोड़ पाकिस्तानी रुपये के बराबर हो, उसे एक वर्ष के लिए कई बार प्रवेश करने की इजाजत देने वाला बिजनेस वीजा दिया जाएगा . इस वीजा से वह 10 शहरों में जा सकेगा और उसे पुलिस को रिपोर्ट भी नहीं करना होगा.
वीजा में उद्योगपति कितने वक्त तक देश में रहने वाला है इसका जिक्र होना चाहिए और यह अवधि एक बार में 30 दिन से ज्यादा नहीं होना चाहिए. बिजनेस वीजा मिलने में पांच सप्ताह से ज्यादा का वक्त नहीं लगना चाहिए.
दोनों देशों के धर्मस्थलों की यात्रा करने वालों के लिए तीर्थयात्री वीजा जारी किया जाएगा. इसे वर्ष 1974 के धार्मिक स्थलों की यात्रा के प्रोटोकॉल के अनुसार या फिर भविष्य में इस प्रोटोकॉल में हुए बदलावों के अनुसार जारी किया जाएगा.
इस श्रेणी के वीजा के लिए यात्रा शुरू करने से कम से कम 45 दिन पहले आवेदन करना होगा. वीजा यात्रा शुरू होने से कम से कम 10 दिन पहले जारी होगा. इस वीजा पर सिर्फ एक एंट्री होगी और सिर्फ 15 दिन तक देश में रूकने की अनुमति होगी. इस वीजा अवधि में विस्तार नहीं होगा.
नए समझौते के तहत 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को अटारी-वाघा सीमा पर 45 दिनों के लिए वीजा ऑन अराइवल दिया जाएगा. इस वीजा की अवधि में विस्तार नहीं हो सकता और इसे किसी दूसरे वीजा में नहीं बदला जा सकेगा. पुराने समझौते के अनुसार लोगों को आने जाने के लिए समान रास्ते और समान परिवहन के साधन का प्रयोग करना होता था. इसमें अलग-अलग मामलों में विशेष छूट दी जाती थी.
शनिवार को हुए नए समझौते के अनुसार लोग आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्तों और परिवहन के साधनों का उपयोग कर सकेंगे. लेकिन अटारी.बाघा सीमा से सड़क और पैदल सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. लोगों के पास पैदल सीमा पार करने की अनुमति होने के बाद ही उन्हें यहां से गुजरने दिया जाएगा.
हवाई यात्रा करने वालों के लिए जांच बिन्दुओं को बदल दिया गया है. पुराने समझौते के अनुसार कोई भी सिर्फ मुंबई, दिल्ली और अमृतसर आ सकता था लेकिन नए समझौते के तहत व्यक्ति मुंबई, दिल्ली और चेन्नई में उतर सकता है.
पुलिस पंजीकरण के मामले में जिन वास्तविक उद्योगपतियों को पुलिस रिपोर्टिंग से छूट प्राप्त नहीं है वे अपने अधिकृत प्रतिनिधि को पुलिस रिपोर्ट करने के लिए भेज सकते हैं.
इस नए वीजा समझौते पर मई में गृह सचिव स्तर की वार्ता के दौरान ही हस्ताक्षर होना था लेकिन पाकिस्तान ने अंतिम समय में हाथ पीछे खिंच लिया . पाकिस्तान चाहता था कि इस समझौते पर राजनीतिक स्तर पर हस्ताक्षर हो.