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भारत और रूस के बीच हुए 30 अहम समझौते

भारत और रूस ने अपने ‘विशेष और महत्वपूर्ण’ संबंधों को एक नया आयाम देते हुए असैन्य परमाणु सहयोग और रक्षा समेत कई अहम क्षेत्रों में 30 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इन समझौतों में देश की सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों (एफजीएफए) का विकास भी शामिल है.

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भारत और रूस ने अपने ‘विशेष और महत्वपूर्ण’ संबंधों को एक नया आयाम देते हुए असैन्य परमाणु सहयोग और रक्षा समेत कई अहम क्षेत्रों में 30 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इन समझौतों में देश की सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों (एफजीएफए) का विकास भी शामिल है.

लगभग दो घंटे की वाषिर्क बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान की स्थितियों के बारे में भी चर्चा की, जिसका दोनों देशों की सुरक्षा पर असर पड़ता है. इस बैठक के दौरान कई द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई.

इस दौरान दोनों पक्ष सैन्य, ऊर्जा, विज्ञान और तकनीक, अंतरिक्ष शोध और दवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए. इसके अलावा दोनों देश 2015 तक अपने बीच का द्विपक्षीय व्यापार 20 अरब डॉलर तक पहुंचाने के उद्देश्य से आपसी प्रयास मजबूत करने पर भी तैयार हुए.

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दोनों नेताओं की आपसी बातचीत के बाद 11 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. इसके अलावा सम्मेलन के इतर दोनों देशों के बीच 19 और समझौतों पर भी हस्ताक्षर हुए, जिनमें से कई दोनों की निजी कंपनियों के बीच हुए.

इन अहम समझौतों के तहत एफजीएफए के लिए एक समझौता हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, रूस के सुखोई डिजाइन ब्यूरो और रोसोबोरोनएक्सपर्ट के बीच हुआ. इसके अलावा हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग के लिए ढांचागत समझौते और रिएक्टर तकनीक समेत संबंधित क्षेत्रों में आणविक ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए संयुक्त शोध और विकास पर सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर हुए.

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