भारत ने रूस के साथ शुक्रवार को 42 अन्य सुखोई लड़ाकू विमानों के लाइसेंसी उत्पादन के लिए समझौता किया. इसके तहत रूसी विशेषज्ञ तकनीकी और उपकरण सम्बंधी सहयोग मुहैया कराएंगे.
यह नया समझौता भारतीय वायुसेना के एक सुखोई सु-30 एमकेआई विमान के महाराष्ट्र में पुणे के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के एक सप्ताह बाद किया गया है. दुर्घटना की जांच जारी है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रूसी राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव के बीच मास्को में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
समझौतों पर हस्ताक्षर भारतीय रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा तथा रूसी संघीय सैन्य तकनीकी सहयोग सेवा के निदेशक एम.ए. दमित्रीएव ने मनमोहन सिंह और मेदवेदेव की उपस्थिति में किए.
ज्ञात हो कि भारत ने 1990 के दशक के मध्य में दो सीटों वाले 50 सुखोई विमानों की खरीद के लिए रूस के साथ समझौता किया था. खरीद के बाद विमानों की आपूर्ति 1997 में शुरू हुई थी.
वर्ष 2000 में दोनों पक्षों ने 140 सु-30 एमकेआई विमानों के लाइसेंसी उत्पादन के लिए एक अन्य समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इन विमानों का उत्पादन सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने किया था. वर्ष 2007 में अन्य 40 सुखोई विमानों के उत्पादन के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार किया गया था.
शर्मा ने आईएएनएस से कहा, '42 अतिरिक्त विमानों के उत्पादन के लिए मौजूदा प्रोटोकॉल भी एचएएल ने तैयार किया है. इसके साथ ही भारतीय वायुसेना के पास सुखोई विमानों की संख्या 272 हो जाएगी.'