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राजपथ पर दिखी 'विविधता में एकता' की झलक

राजपथ से ऐतिहासिक लालकिल तक निकली परंपरागत गणतंत्र दिवस परेड के दौरान विभिन्न झांकियों के जरिए दुनिया की सबसे अधिक सांस्कृतिक विविधता वाले देश भारत की संस्कृति, कला, संगीत, नृत्य और त्योहारों आदि का अद्भुत संगम देखने को मिला.

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'विविधता में एकता' की झलक
'विविधता में एकता' की झलक

राजपथ से ऐतिहासिक लालकिल तक निकली परंपरागत गणतंत्र दिवस परेड के दौरान विभिन्न झांकियों के जरिए दुनिया की सबसे अधिक सांस्कृतिक विविधता वाले देश भारत की संस्कृति, कला, संगीत, नृत्य और त्योहारों आदि का अद्भुत संगम देखने को मिला.

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बिहार की झांकी में धरहारा परंपरा के माध्यम से परिवार में बेटियों के महत्व एवं स्थान को दर्शाया गया. इस परंपरा के तहत किसी परिवार में लड़की पैदा होने पर 10 फलदार वृक्ष लगाने की परंपरा है.

पश्चिम बंगाल की झांकी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर को समर्पित थी, जिसमें उनके द्वारा स्थापित शांति निकेतन को दर्शाया गया.

जम्मू कश्मीर ने श्रीनगर के स्थापत्य कला एवं धरोहर की झांकी पेश की, तो छत्तीसगढ़ की झांकी में मिट्टी का काम करने वाले कलाकारों की पारंपरिक जिंझारी और डोंडाकी कला को प्रस्तुत किया गया.

राजपथ से ऐतिहासिक लालकिले तक सड़क के दोनों ओर खचाखच भरे लोगों ने भारत की सांस्कृतिक विविधता को खूब सराहा. इनमें बड़ी संख्या में विदेशी भी थे. राजपथ पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के साथ सलामी मंच पर बैंठी इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड की खास मेहमान थाइलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा ने इन झांकियों में काफी उत्सुकता दिखाई.

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महाराष्ट्र की झांकी में राज्य के ऐतिहासिक स्थलों प्राकृतिक आश्चर्यो, स्मारकों, पर्यटन स्थलों के दृश्यों की झलक देखने को मिली.

समुद्र की गोद में बसे गोवा की झांकी में वहां के लोगों के उल्लास और मस्ती भरी प्रकृति को उकेरती गोवा कार्निवल का प्रदर्शन किया गया. कर्नाटक की झांकी में प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा एवं पूजा ‘भूताराधाने’ को साकार किया गया, जबकि मेघालय की झांकी में जैंतिया त्योहार को जीवंत किया.

राजस्थान की झांकी में अमेर के भव्य किला को दर्शाया गया जबकि असम की झांकी में ‘भोरताल नृत्य’ को प्रस्तुत किया गया. पंजाब की झांकी में शेर ए पंजाब महाराज रंजीत सिंह की महिमा देखने को मिली.

सामुदायिक भावना के लिए संयुक्त राष्ट्र से पुरस्कृत नगालैंड की झांकी में आपसी भाईचारे को दिखाया गया, वहीं किरत खाम्बू राय समुदाय के मनाये जाने वाले साकेवा त्योहार का प्रदर्शन सिक्किम की झांकी के जरिए हुआ.

इसी प्रकार, कपड़ा मंत्रालय की झांकी में हस्तशिल्प, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की झांकी में साक्षर भारत, आदिवासी मामलों के मंत्रालय द्वारा आदिवासी सशक्तिकरण, सीपीडल्यूडी की झांकी में बर्फ की घाटी, चुनाव आयोग की झांकी में राष्ट्रीय मतदाता दिवस और वित्त मंत्रालय की झांकी में आर्थिक मोचरे को मजबूत करने के लिए उठाये गए कदमों का प्रदर्शन किया गया.

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गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान कृषि मंत्रालय की झांकी में कृषि क्षेत्र के विविधिकरण, इस्पात मंत्रालय की झांकी में इस्पात के राष्ट्र को मजबूत बनाने, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की झांकी में राष्ट्रीय ई प्रशासन और रेल मंत्रालय की झांकी में पंजाब मेल का प्रदर्शन किया गया.

इस बार की परेड में 23 राज्यों और केन्द्रीय मंत्रालयों एवं विभागों की झाकियां देश की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी झांकियों का प्रदर्शन किया गया. राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार 2009 के लिए चुने गये 24 बच्चों में से 19 परेड में हिस्सा लिया.

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