सरकार के कामकाज में और अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग के समर्थन में जारी विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि देश ‘पारदर्शिता क्रांति’ के दौर से गुजर रहा है जिसे बीच में रोका नहीं जा सकता है.
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘देश नये दौर की क्रांति से गुजर रहा है, पारदर्शिता क्रांति. गोपनीयता की दीवार धीरे-धीरे हर क्षेत्र में टूट रही है जिसमें राजनीति, कारोबार, प्रशासन और न्यायपालिका शामिल है. एक बार जब यह चलन शुरू हो जाता है तब आप इसे बीच में नहीं रोक सकते.’’
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के नये सम्मेलन कक्ष का उद्घाटन करने के बाद एंटनी संवाददाताओं से बात कर रहे थे.
अन्ना हजारे समेत समाज के प्रबुद्ध लोग सरकार और संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता बरतने और कार्यो की निगरानी के लिए आंदोलन कर रहे हैं.
एंटनी ने कहा कि बदलाव के इस दौर में समस्याएं सामने आ रही हैं क्योंकि भारत तैयार नहीं है. भारत के राजनीतिज्ञ, नौकरशाह, कारोबारी, सशस्त्र बल और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग इस बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं.
एंटनी ने कहा कि महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं, इसलिए परिवर्तन में कुछ समस्याएं आ रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह भी भारतीय लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन कुछ वर्ष के बाद ऐसा होगा. बदलाव होंगे.’’
देश में बढ़ती पारदर्शिता का श्रेय संसद देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ इसके (पारदर्शिता) लिए आपको भारत की मीडिया, एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं को श्रेय देना चाहिए लेकिन अंतत: भारत की संसद ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून बनाया.’’
मंत्री ने कहा, ‘‘पीछे जाने की बजाए मैं समझता हूं कि आने वाले समय में आरटीआई नये क्षेत्रों में फैलेगा. मैं समझता हूं कि जीवन का प्रत्येक क्षेत्र पारदर्शी बन जायेगा. भारत में यह कानून के तहत हो रहा है.’’ राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि मीडिया को निहित स्वार्थी तत्वों के बहकावे में नहीं आना चाहिए.