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सबसे कठिन पड़ोस में रहता है भारत: चिदंबरम

गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि आतंकवाद का वैश्विक केंद्र भारत के बिल्कुल पड़ोस में है और पाकिस्तान में आतंकवाद का विशाल ढांचा लंबे समय से सरकारी नीति के रूप में पनपा है.

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पी चिदंबरम
पी चिदंबरम

गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि आतंकवाद का वैश्विक केंद्र भारत के बिल्कुल पड़ोस में है और पाकिस्तान में आतंकवाद का विशाल ढांचा लंबे समय से सरकारी नीति के रूप में पनपा है.

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भारत-अमेरिका गृह सुरक्षा वार्ता के उद्घाटन पर चिदंबरम ने आतंकवाद एवं अन्य खतरों से मुकाबले के लिए भारत और अमेरिका के बीच और मजबूत संबंधों का आह्वान करते हुए भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के वास्ते स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध पड़ोस की जरूरत पर बल दिया.

उन्होंने कहा, ‘यह स्वयं सिद्ध सत्य है कि भारत विश्व में सबसे कठिन पड़ोस में रहता है. आतंकवाद का वैश्विक केंद्र हमारे बिल्कुल पश्चिमी पड़ोस में है. पाकिस्तान में आतंकवाद का विशाल ढांचा लंबे समय से सरकारी नीति के रूप में पनपा है.’ चिदंबरम ने आतंकवाद को दोनों देशों के लिए ‘मुख्य चुनौती’ करार देते हुए नकली मुद्रा, मादक पदार्थ तस्करी तथा साइबर स्पेस के खतरों और चुनौतियों सहित अन्य चुनौतियों से मुकाबले की जरूरत पर बल दिया.

चिदंबरम ने कहा, ‘वर्तमान समय में पाकिस्तान में स्थित अपने सुरक्षित पनाहगाह से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे विभिन्न आतंकवादी समूह आपस में मिलते जा रहे हैं. पाकिस्तान के समाज में और अधिक कट्टरता आ रही है. उसकी अर्थव्यवस्था और सरकारी ढांचा कमजोर हो गया है.’

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उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने क्षेत्र की जटिलता के मद्देनजर एक वृहद पड़ोस रणनीति तैयार की है जो राजनीतिक संबंधों पर आधारित है. यह विशेष रूप से पाकिस्तान के साथ राजनीतिक संबंधों के साथ ही राजनीतिक स्थिरता के लिए समर्थन, आर्थिक विकास के लिए मदद, बेहतर सम्पर्क और भारतीय अर्थव्यवस्था में हमारे पड़ोसियों के लिए बाजार पहुंच पर आधारित है.’

उन्होंने कहा, ‘स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध पड़ोस भारत के लोगों की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है.’ चिदंबरम ने अमेरिका की गृह सुरक्षा मंत्री जैनेट नेपोलिटानो के साथ द्विपक्षीय बातचीत में कहा, ‘गृह सुरक्षा और आतंकवाद के मुकाबले में भारत और अमेरिका के बीच मजबूत और प्रभावकारी सहयोग हमारी रणनीतिक साझेदारी के लिए अत्यावश्यक है.’

उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ मुकाबले में सहयोग भारत-अमेरिका संबंधों का एक महत्वपूर्ण तत्व है. आतंकवाद की चुनौतियों से निपटना भारत के लोगों की प्राथमिकता है. आतंकवाद के खिलाफ मुकाबले में भारत-अमेरिका सहयोग को लेकर हमेशा से ही जन आकांक्षा और राजनीतिक उम्मीद रही है.’

उन्होंने कहा, ‘ऐसा हमारे साझा मूल्यों, दोनों देशों के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी, अमेरिकी विशेषज्ञता और क्षमता के साथ ही भारत में इस आमसोच के कारण है कि अमेरिका का उस देश पर मजबूत प्रभाव है जो वैश्विक आतंकवाद का गढ़ है.’

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चिदंबरम ने साथ ही मुम्बई आतंकवादी हमले के दोषियों और उससे संबंधित अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के अमेरिकी प्रयासों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ‘हमारे बीच सहयोग में चुनौतियों के वे सभी पहलु शामिल होने चाहिए जिनका हम वर्तमान में सामना कर रहे हैं. इसमें खतरों का पूर्वानुमान, बचाव के कदम उठाना या घटनाओं पर प्रभावकारी और त्वरित प्रतिक्रिया शामिल हैं.’

उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमें गुप्तचर, सूचना और आकलन साझा, जांच एवं फोरेंसिक में सहयोग, शहरों की रक्षा, आधारभूत ढांचा, जनता तथा व्यापार और विकास संभावनाओं में अपने संबंधों को और मजबूत बनाना चाहिए.’ चिदंबरम ने प्रगति की समीक्षा के लिए छह महीने बाद गृह सचिव और अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग में उप मंत्री के बीच बैठक का प्रस्ताव किया.

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