एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने का भारतीय हाकी टीम का सपना मंगलवार को मलेशिया के हाथों सेमीफाइनल में मिली दुर्भाग्यशाली हार के साथ चूर चूर हो गया. मोहम्मद अमीन के गोल्डन गोल के दम पर मलेशिया ने अप्रत्याशित जीत दर्ज करके पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी भिड़ंत में जगह बना ली.
पूल चरण में अजेय रही भारतीय टीम को सेमीफाइनल में 3-4 से पराजय का सामना करना पड़ा. अब राजपाल सिंह की टीम कांस्य पदक के लिये दक्षिण कोरिया से खेलेगी. एशियाई खेलों में 12 साल बाद स्वर्ण जीतकर लंदन ओलंपिक 2012 के लिये क्वालीफाई करने का लक्ष्य लेकर खेल रही भारतीय टीम 67वें मिनट तक 3-2 से बढ़त बनाये हुए थे. लेकिन इसके बाद डीप डिफेंस की चूक ले डूबी.
विक्रम पिल्लै की गलती पर मलेशिया को पेनल्टी कार्नर मिला जिसे अमीन ने गोल में बदलकर मैच अतिरिक्त समय में खींच दिया. अतिरिक्त समय में 75वें मिनट में अमीन ने ही पेनल्टी कार्नर को तब्दील करके गोल्डन गोल के जरिये मलेशिया को जीत दिलाई. भारत के लिये संदीप सिंह (35वें मिनट), तुषार खांडेकर (37वें) और कप्तान राजपाल सिंह (54वें मिनट) ने गोल किये जबकि मलेशिया के लिये अमीन (67 वें और 75वें मिनट), अब्दुल जलील तेंकू (32वें) और अजलन मिसरों (49वें मिनट) ने गोल दागे. {mospagebreak}
दूसरे सेमीफाइनल में पाकिस्तान ने पेनल्टी शूटआउट में दक्षिण कोरिया को 4-3 से हराकर फाइनल में जगह बना ली. पूल चरण में कोरिया जैसी दमदार टीम को ड्रा पर रोकने वाले मलेशिया ने 32वें मिनट में तेंकू के गोल की बदौलत बढ़त बना ली जिससे मैदान पर अच्छी खासी तादाद में जमा भारतीय समर्थकों को मानों सांप सूंघ गया. भारतीय डिफेंस को पूरी तरह भेदते हुए उसने तूफानी शाट पर गेंद गोल के भीतर डाल दी.
एक गोल गंवाने से स्तब्ध भारतीय टीम ने पहले हाफ के आखिरी मिनट में संदीप के गोल की बदौलत 1-1 से बराबरी कर ली. शुरूआती क्षणों में मलेशियाई गोल पर हमले करने में नाकाम रही भारतीय टीम ने एक गोल से पिछड़ने के बाद जवाबी हमले तेज करते हुए दो पेनल्टी कार्नर बनाये. भारत को पहला पेनल्टी कार्नर 34वें मिनट में मिला जिस पर संदीप के शाट को मलेशियाई गोलकीपर सुब्रहमण्यम कुमार ने बखूबी बचाया. अगले मिनट मिले दूसरे पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने में संदीप ने कोई चूक नहीं की. {mospagebreak}
मलेशियाई डिफेंडरों ने पहले हाफ में जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए सितारों से सजी भारतीय आक्रमण पंक्ति को कोई मौका नहीं दिया. भारत को 13वें मिनट में गोल करने का सुनहरा मौका मिला था लेकिन विरोधी गोल के सामने शिवेंद्र सिंह चूक गए. मलेशिया को 19वें मिनट में पहला पेनल्टी कार्नर मिला जिसे भारतीय गोलकीपर भरत छेत्री ने दाहिने ओर डाइव लगाते हुए बखूबी बचाया.
इसके दो मिनट बाद मिडफील्ड में बेहतरीन मूव बनाते हुए रवि पाल ने तुषार खांडेकर को डी के सामने पास दिया. तुषार ने सामने की ओर डाइव लगाते हुए शाट लगाया जो कमजोर साबित हुआ. दूसरे हाफ में भारत ने आक्रामक शुरूआत करते हुए 37वें मिनट में फिर बढ़त बना ली. तुषार ने दाहिने फ्लैंक से मिले क्रास को गोल में बदलकर स्कोर 2-1 कर दिया.
इसके चार मिनट बाद शिवेंद्र के शाट को मलेशियाई गोलकीपर ने बचा लिया. मलेशिया को 49वें मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला जिस पर वैरिएशन आजमाते हुए अमीन के शाट को मिसरों ने गोल में बदलकर टीम को फिर मैच में लौटाया. भारत ने कप्तान राजपाल सिंह के गोल की बदौलत फिर बढ़त बनाई. भारत को 54वें मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला जिस पर धनंजय महाडिक सही निशाना नहीं लगा सके. {mospagebreak}
पुश देने वाले राजपाल ने तुरंत हरकत में आते हुए रिबाउंड पर गेंद को गोल के भीतर डाल दिया. जोस ब्रासा की टीम ने 67वें मिनट तक 3-2 की बढ़त बना ली थी और अब डिफेंस पर जोर देकर मैच बचाना था. ऐसे में डिफेंडरों ने मलेशिया को पेनल्टी कार्नर देने की भूल की और अमीन ने गोल दाग दिया.
भारत को आखिरी मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन धनंजय की नाकामी का सिलसिला जारी रहा. अतिरिक्त समय में मलेशियाई खिलाड़ियों ने आक्रामक खेल दिखाया जिसका फायदा पांचवें मिनट में उन्हें पेनल्टी कार्नर के रूप में मिला. इसे गोल में बदलकर अमीन ने टीम को पहली बार एशियाई खेलों के फाइनल में पहुंचाया.