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लीबिया में बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ है सरकार: मुखर्जी

लीबिया में गद्दाफी शासन के खिलाफ अमेरिका की अगुवाई में ब्रिटेन और फ्रांस के हमले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने दोहराया कि वह किसी देश के अंदरूनी मामलों में बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ है.

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प्रणव मुखर्जी
प्रणव मुखर्जी

लीबिया में गद्दाफी शासन के खिलाफ अमेरिका की अगुवाई में ब्रिटेन और फ्रांस के हमले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने दोहराया कि वह किसी देश के अंदरूनी मामलों में बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ है.

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लोकसभा में नेता सदन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने वित्त विधेयक पेश करते हुए कहा कि सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि यदि किसी भी देश में जनांदोलन चल रहा है तो वह संबद्ध देश का अंदरूनी मसला है. उन्होंने कहा कि सदन में सुबह इस मुद्दे पर विभिन्न दलों के सदस्य अपने विचार जाहिर कर चुके हैं.

मुखर्जी ने लीबिया या अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि कोई भी आंदोलन संबंधित देश का आंतरिक मसला होता है. उस देश का भविष्य क्या होगा, इसका फैसला उसकी जनता को करना है. भारत ऐसे मामले में बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ है.

उन्होंने कहा कि भारत पश्चिम एशिया तथा लीबिया के संकट के जल्द और शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद रखता है. मुखर्जी ने कहा कि पश्चिम एशिया और अफ्रीकी देशों के घटनाक्रम कई अन्य देशों को प्रभावित करेंगे और इससे कच्चे तेल की उपलब्धता और कीमतों पर असर होगा.

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उन्होंने कहा कि सरकार इन सभी घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है और जरूरत पड़ने पर उचित कदम उठाएगी. वित्तमंत्री ने कहा कि 28 फरवरी को उनके बजट भाषण के बाद से अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटनाक्रम तेजी से बदल गया है. उन्होंने जापान में आए विनाशकारी भूकंप और सुनामी से हुई तबाही के बारे में कहा कि यह केवल जापान का संकट नहीं है. विश्व अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण देश होने के नाते जापान संकट से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी.

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