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ओबामा की विदेश नीति में भारत का स्थान बहुत ऊंचा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल के पहले दो वर्ष में जो कदम उठाए हैं उनसे लगता है कि वह अपने प्रशासन की विदेश नीति में भारत को काफी महत्व देते हैं.

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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल के पहले दो वर्ष में जो कदम उठाए हैं उनसे लगता है कि वह अपने प्रशासन की विदेश नीति में भारत को काफी महत्व देते हैं.

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अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के निवर्तमान प्रवक्ता माइक हैमर ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि भारत (ओबामा प्रशासन की विदेशी नीति में) बहुत ऊंचा स्थान रखता है क्योंकि विश्व के मंच पर भारत के उद्भव को मान्यता मिल गई है. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है.’

हैमर ने कहा, ‘भारतीयों की आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने के लिये जो अविश्वसनीय काम किया गया है और नवप्रवर्तन के लिये वहां मौजूद व्यापक बौद्धिक क्षमता अमेरिका को बहुत आकर्षित करती है.’ व्हाइट हाउस में पिछले दो साल तक राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता रहे हैमर अब विदेश मंत्रालय में चले गये हैं.

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास बहुत खुशहाल भारतीय-अमेरिकी समुदाय है जो हमारे समाज में योगदान देता है और हमें इसका एहसास है. राष्ट्रपति ओबामा भारत को अपना एक महत्वपूर्ण साझीदार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.’

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हैमर ने कहा, ‘यह ऐसी चीज है जिसे ओबामा ने शुरू नहीं किया था. हम राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और उसके बाद राष्ट्रपति बने जार्ज बुश और अब राष्ट्रपति बराक ओबामा को इस बात का पूरा श्रेय देंगे कि उन्होंने भारत के उदय और उसके महत्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरने को देखा.’ उन्होंने कहा, ‘हम इस रिश्ते को और मजबूत बनाना चाहते हैं.’ हैमर ने कहा कि दोनों देश अब रणनीतिक भागीदार हैं.

हैमर राष्ट्रपति ओबामा की भारत यात्रा के दौरान उनके साथ थे और पूरा प्रतिनिधि मंडल भारतीय प्रेस की सक्रियता से प्रभावित था. उन्होंने कहा, ‘मुझे राष्ट्रपति के साथ भारत भ्रमण का अवसर मिला और यह देखना काफी उल्लेखनीय रहा कि न केवल लोगों में बल्कि जिस भी मंच पर हम गये वहां बहुत ऊर्जा और उत्साह दिखाई पड़ा.’

हैमर ने कहा, ‘चाहे वह व्यवसायिक मंच हो, राष्ट्रपति और प्रथम महिला का बच्चों के साथ संवाद हो, दीवाली का जश्न या संसद में दिया गया भाषण हो, यह वास्तव में बहुत विशेष था.’

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