जापान के साथ असैन्य परमाणु करार को लेकर चल रही बातचीत के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे दोनों देशों के लिये फायदेमंद बताया और कहा कि भारत के परमाणु क्षेत्र में अनेक अवसर हैं जिनमें जापानी कंपनियां अपनी आधुनिक क्षमताओं के जरिये साझेदार बन सकती हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित समझौता दोनों देशों के लिहाज से फायदेमंद होगा और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में वैश्विक प्रयासों में मदद करेगा. दोनों देश इस बाबत दो दौर की बातचीत कर चुके हैं जिनमें प्रगति हुई है और आगे के दौर की बातचीत नवंबर में हो सकती है.
प्रधानमंत्री ने रविवार अपनी जापान यात्रा की औपचारिक शुरूआत से ठीक पहले दिल्ली में जापानी पत्रकारों से कहा कि भारत जैसे विकासशील देश अपने आर्थिक विकास की उंची दर को बरकरार रखने के लिए ऊर्जा के नये स्रोत चाहते हैं. हम परमाणु ऊर्जा को हमारे वैश्विक उर्जा मिश्रण के महत्वपूर्ण घटक के तौर पर देखना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि हमारा परमाणु उद्योग बड़े विस्तार के लिए तैयार है और वैश्विक परमाणु उद्योग को भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विस्तार में भागीदारी के पर्याप्त अवसर होंगे. मनमोहन सिंह ने कहा कि हम चाहेंगे कि जापान इस पहल में हमारा साझीदार बने.