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हम डीआरएस को मौजूदा फार्म में खारिज करते हैं: श्रीनिवासन

बीसीसीआई ने साफ तौर पर कहा कि मौजूदा फार्म में अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली उन्हें स्वीकार्य नहीं है और वे आईसीसी की आगामी बैठकों में यह मसला उठायेंगे.

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बीसीसीआई ने साफ तौर पर कहा कि मौजूदा फार्म में अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली उन्हें स्वीकार्य नहीं है और वे आईसीसी की आगामी बैठकों में यह मसला उठायेंगे.

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शशांक मनोहर की जगह बीसीसीआई के अध्यक्ष बने एन श्रीनिवासन ने बीसीसीआई की सालाना आम बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘हम डीआरएस के इस्तेमाल के पक्षधर नहीं हैं क्योंकि बॉल ट्रैकिंग (गेंद की दिशा तय करने) तकनीक पर हमें भरोसा नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘हमने डीआरएस को मौजूदा फार्म में इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है. निवर्तमान अध्यक्ष शशांक मनोहर ने आईसीसी की पिछली बैठकों में यह मसला उठाया था और हम आगे भी इसे उठाते रहेंगे.’

श्रीनिवासन ने यह भी कहा कि सुनील गावस्कर ने बीसीसीआई को लिखा है कि उन्हें तकनीकी समिति के अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया जाये. उन्होंने कहा, ‘गावस्कर ने हमें लिखा है कि वह सात साल से तकनीकी समिति में हैं और अब किसी नये को जिम्मेदारी देने का समय है. हम सौरव गांगुली को तकनीकी समिति का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं. हमारा उनसे संपर्क नहीं हो सका है लेकिन हमें उसकी सहमति मिलने की उम्मीद है.’

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मोहिंदर अमरनाथ को उत्तरी क्षेत्र से चयनकर्ता नियुक्त करने के बारे में पूछने पर उनहोंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि उनकी काबिलियत पर किसी को शक होगा.’ श्रीनिवासन ने महेंद्र सिंह धोनी और उनकी टीम के इंग्लैंड में प्रदर्शन का भी बचाव किया. टीम इस दौरे में तीनों प्रारूप में कोई भी मैच नहीं जीत पायी थी.

उन्होंने कहा, ‘दो महीने पहले वे दुनिया के नायक के थे और वे पूरे देश की आंखों के तारे थे. उन्होंने केवल एक बुरी श्रृंखला खेली है और हम उसके आधार पर ही उन्हें चूका हुआ नहीं मान सकते. हमें टीम का समर्थन करने की जरूरत है.’ श्रीनिवासन ने काम के बहुत अधिक बोझ की बात भी नकार दी.

उन्होंने कहा कि यह बकवास है कि भारतीय टीम अन्य टीमों की तुलना में अधिक क्रिकेट खेल रही है. उन्होंने कहा, ‘हमने दूसरे देशों के कार्यक्रम से तुलना की और इसमें कोई अंतर नहीं है. इसके अलावा काम के बोझ की बात ही पैदा नहीं होती क्योंकि कुछ खिलाड़ी ही तीनों प्रारूप में खेलते हैं.’

श्रीनिवासन ने दोहराया कि बीसीसीआई चोटों के मसलों पर व्यवस्थित ढांचे पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘हमने फिजियो से साफ कर दिया है कि खिलाड़ियों की फिटनेस में पारदर्शिता और ईमानदारी बरती जानी चाहिए. पिछले तीन साल में आपने देखा होगा कि जिन खिलाड़ियों को एनसीए ने हरी झंडी नहीं दी उनका राष्ट्रीय टीम में चयन नहीं किया गया.’

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श्रीनिवासन ने कहा, ‘हम सर्वश्रेष्ठ भारतीय टीम उतारना चाहते हैं. हम फिर से शीर्ष पर पहुंचने के लिये लंबा इंतजार नहीं कर सकते. यह (इंग्लैंड दौरा) हमारी योजना के मुताबिक नहीं रहा. भारत-पाकिस्तान श्रृंखला के बारे में श्रीनिवासन ने बताया कि अभी इस पर कोई काम नहीं हो रहा है.

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