लीबिया पर हवाई हमले को अफसोसनाक बताते हुए भारत ने सभी पक्षों से आह्वान किया कि वे हिंसा का इस्तेमाल त्याग दें क्योंकि समय की मांग है कि उत्तर अफ्रीकी देश में सशस्त्र संघर्ष को रोक दिया जाए.
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम लीबिया में चल रही हिंसा, हमले और बिगड़ते मानवीय हालात को गंभीर चिंता के साथ देखते हैं. जो हवाई हमले हो रहे हैं वे अफसोसनाक हैं.’ उन्होंने कहा, ‘भारत सभी पक्षों से हिंसा त्यागने और मतभेदों का समाधान करने के लिए धमकियों और बल के इस्तेमाल को रोकने का आह्वान करता है. मेरा मानना है कि सशस्त्र संघर्ष को रोका जाए.’
मंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि सभी पक्षों और भागीदारों को संयुक्त राष्ट्र और अन्य क्षेत्रीय संगठनों के जरिए शांति वार्ता में हिस्सा लेना चाहिए और समाधान निकालना चाहिए. कृष्णा ने कहा, ‘हवाई हमले से निर्दोष आम जनता, अब भी लीबिया में रह रहे विदेशी नागरिकों और कूटनयिक मिशनों और उनके कर्मचारियों को नुकसान होगा.’ {mospagebreak}
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत लीबिया के सैन्य ठिकानों पर हमले में शामिल देशों से बातचीत कर रहा है तो कृष्णा ने कहा, ‘विभिन्न स्तरों पर भारत जहां उसकी बात को महत्व दिया जाता है हमने इसे उठाया है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर जो कुछ भी प्रभाव हम डाल सकते हैं हम डालते रहेंगे ताकि लीबिया में हिंसा और संघर्ष की स्थिति को और बढ़ने से रोका जा सके.’
उन्होंने कहा, ‘उसी वक्त, लीबिया की जनता की आकांक्षाओं का सम्मान किया जाना चाहिए.’ अमेरिका और यूरोपीय बलों ने रविवार को त्रिपोली और भूमध्यसागर तट स्थित लीबियाई सैन्य ठिकानों पर 100 से अधिक टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागीं. वहीं, उनके युद्धक विमानों ने मुअम्मर गद्दाफी के बलों पर बम बरसाए. उधर, गद्दाफी ने ‘पश्चिमी आक्रमण’ और ‘इस्लाम के खिलाफ युद्ध’ का जवाब देने का संकल्प जताय था.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार बहरीन और यमन जैसे देशों में भारतीयों की रक्षा के लिए कोई कदम उठा रही है तो कृष्णा ने कहा, ‘इन देशों में भारतीयों का कल्याण और हिफाजत करना हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर है. हम इन देशों में घटनाक्रम पर करीबी नजर रखे हुए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘जब भी कोई घटनाक्रम होता है और जब हम महसूस करते हैं कि वहां भारतीयों का रहना अब सुरक्षित नहीं है तो हम आवश्यक कार्रवाई करेंगे.’