क्या 26/11 हमले की साजिश में शामिल शिकागो में पकड़े गए आतंकवादी डेविड कोलमन हेडली के प्रत्य़र्पण को लेकर भारत सरकार कभी गंभीर नहीं रही? विकिलीक्स ने खुलासा किया है कि हेडली के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार ने देश को गुमराह किया.
विकिलीक्स के मुताबिक दिसंबर 2009 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन ने तब के अमेरिकी राजदूत तिमोथी रोमर से कहा था कि डेविड कोलमन हेडली के प्रत्यर्पण की भारत की मांग सिर्फ भारतीय जनता को गुमराह करने के लिए है. सरकार इस वक्त हेडली का प्रत्यर्पण नहीं चाहती है.
विकिलीक्स के मुताबिक नारायणन ने रोमर से कहा था कि अगर देश के लोगों को ऐसा लगा कि सरकार हेडली के प्रत्यर्पण की कोशिश नहीं कर रही है तो सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी.
विकिलीक्स केबल के मुताबिक नारायण ने ये टिप्पणी रोमर के इस आग्रह पर की थी कि भारत को हेडली के प्रत्यर्पण की मांग से दूर रहना चाहिए. विकिलीक्स के मुताबिक नारायणन और रोमर के बीच 16 दिसंबर 2009 को टेलीफोन पर बातचीत के बाद अमेरिकी दूतावास ने ये जानकारी भेजी थी.
विकिलीक्स का दावा है कि रोमर ने नारायणन से कहा था कि अमेरिका को हेडली से अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है, लेकिन भारत ने उसके प्रत्यर्पण का दबाव बनाया तो ये जानकारी मिलने की उम्मीद खत्म हो सकती है.
गौरतलब है कि शिकागो कोर्ट ने पिछले साल खत्म हुई सुनवाई में हेडली को सभी आरोपों का दोषी पाया था और इस समय वो सज़ा का इंतजार कर रहा है.