पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने कहा कि पाक को मुंबई हमलों के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य डेविड हेडली के बयानों को गंभीरता से लेना होगा.
कृष्णा का मानना है कि पाकिस्तान के हालिया रवैये के चलते 26.11 के हमलों के मामले में भारत की चिंताओं पर पाकिस्तान धीरे धीरे ही ध्यान देगा.
काबुल में ‘अफगानिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ में शामिल होने के बाद वहां से लौटते वक्त अपने साथ यात्रा कर रहे संवाददाताओं से कृष्णा ने कहा, ‘‘हेडली ने एफबीआई को जो भी बताया उसे पाकिस्तान को गंभीरता से लेना होगा और भारत की चिंताओं पर ध्यान देना होगा.’’ वह गृह सचिव जी.के. पिल्लई की दलील पर पूछे गये सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें पिल्लई ने कहा था कि मुंबई आतंकी हमलों में आईएसआई शामिल थी.
कृष्णा ने कहा, ‘‘हम इसे चाहें या नहीं लेकिन हेडली के बयान सार्वजनिक तौर पर जाहिर हैं और उन्हें दबाया नहीं जा सकता.’’ हेडली ने शिकागो में पूछताछ में भारतीय जांचकर्ताओं को बताया था कि 26.11 के मुंबई हमलों की साजिश में शुरूआत से आखिर तक आईएसआई शामिल थी.{mospagebreak}
गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने जून में इस्लामाबाद की यात्रा के दौरान भारतीय अधिकारियों द्वारा हेडली से पूछताछ के आधार पर मिली जानकारी पाकिस्तान को दी थी.
कृष्णा का यह बयान उस दिन आया है जब पाकिस्तान ने भारत के इस तर्क को ‘बेबुनियाद’ कहकर खारिज कर दिया है कि हेडली के तार पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों और खुफिया एजेंसियों से जुड़े थे.
भारत.पाक वार्ता के रोडमैप के बारे में पूछे जाने पर कृष्णा ने स्पष्ट किया कि नयी दिल्ली पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया को जारी रखने को इच्छुक है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक बातचीत खत्म ही की है. जैसा मैंने पहले कहा था कि मैंने विदेश मंत्री कुरैशी को साल के आखिर में भारत आने का न्योता दिया है. अत: मैं इसे लेकर आशान्वित हूं ताकि हम इसे वहां से शुरू कर सकें जहां इस्लामाबाद में छोड़ा था.’’
कृष्णा के अनुसार उन्होंने आज काबुल में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन से मुलाकात के दौरान उन्हें अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी से हाल ही में हुई मुलाकात के बारे में बताया. कृष्णा ने कहा कि उन्होंने हिलेरी से कहा कि भारत ऐसा संवाद चाहता है जो जारी रहे.{mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसी बातचीत नहीं है जो एक बार में पूरी हो जाए. मेरा मानना है कि बातचीत जारी रहने की जरूरत है क्योंकि पिछले 60 साल में हमारे सामने जिस तरह की समस्याएं रहीं हैं, उन्हें एक, दो या तीन बार बातचीत कर नहीं सुलझाया जा सकता.’’ कृष्णा ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच चिंताओं को सुलझाने के लिए एक संस्थागत प्रणाली की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैंने हालात के बारे में अपना मूल्यांकन बताया. समस्याओं :पाकिस्तान के साथ: से निपटने के लिए भारत क्रमिक प्रयास चाहता है.’’ जब कृष्णा से पूछा गया कि क्या हिलेरी से बातचीत के दौरान कश्मीर का मुद्दा आया तो उन्होंने ‘ना’ में जवाब दिया.
हिलेरी ने कल इस्लामाबाद में कहा था कि भारत और पाकिस्तान दोनों के लिहाज से फायदेमंद रिश्ते में कश्मीर मुद्दा रुकावट है.
उन्होंने कहा था, ‘‘कश्मीर :मुद्दा:, जो भारत और पाकिस्तान में बंटा है, मेरे नजरिये से यह दोनों देशों के लिहाज से फायदेमंद रिश्ते बनाने में रुकावट है.’