नौकरियों की आउटसोर्सिंग हाल ही में एक ज्वलंत मुद्दे के रूप में उभरकर आई है, लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया के शिक्षाविद् एक नए चलन को लेकर परेशान हैं. ऑस्ट्रेलिया के विद्यार्थी भारत, पाकिस्तान और मिस्र के बच्चों से होमवर्क की आउटसोर्सिंग कर रहे हैं.
इन देशों से होमवर्क की आउटसोर्सिंग दो डालर तक में उपलब्ध है, जिससे आस्ट्रेलिया में हाई स्कूल और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने होमवर्क की आउटसोर्सिंग करनी शुरू कर दी है. ‘संडे हेराल्ड’ की एक रपट के मुताबिक, निबंध, लघु शोध लिखने की पेशकश करने वाली वेबसाइटों की संख्या बढ़ रही है.
इस तरह की एक वेबसाइट के संस्थापक मैट बैरी ने कहा कि उभरते बाजारों में उपलब्ध सस्ते श्रम को ध्यान में रखकर हमने यह वेबसाइट डिजाइन की और पाया कि लोग होमवर्क जैसे काम लेने के इच्छुक हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें ऐसे काम हर समय मिल रहे हैं और एक लेक्चरर के तौर पर मैं वास्तव में इसकी मंजूरी नहीं देता, लेकिन बच्चे तो आखिर बच्चे हैं. वे बेवकूफ बनाने का तरीका ढूंढ ही लेते हैं.’’ वहीं दूसरी ओर, भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में कुछ युवा लोग इसे जेबखर्च कमाने के लिए एक अच्छे विकल्प के तौर पर अपना रहे हैं.