महंगाई अब लोगों की जेब पर भारी पड़ने लगी है. जरूरी उपभोग की वस्तुओं के ऊंचे दाम के कारण लोगों ने अपने खर्चे में कटौती करनी शुरू कर दी है.
मुद्रास्फीति का बढ़ता दबाव खासकर खाने-पीने की चीजों के ऊंचे दाम भारतीयों के लिये चिंता का कारण बन गए हैं. नीलसन के वैश्विक उपभोक्ता विश्वास सूचकांक सर्वे में यह बात कही गयी है.
सर्वे के मुताबिक नौकरी और व्यक्तिगत ऋण के मामले में भारतीयों का नजरिया सकारात्मक है. लेकिन वहीं खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमत को लेकर वे चिंतित हैं.
सर्वे में 52 देशों के 29,000 इंटरनेट उपभोक्ताओं को शामिल किया गया. सर्वे के मुताबिक 90 फीसद भारतीय नौकरी को लेकर, जबकि 84 फीसद व्यक्तिगत ऋण को लेकर उत्साहित हैं.
नीलसन कंपनी के प्रबंध निदेशक, उपभोक्ता (भारत) जस्टिन सर्जेन्ट ने बयान में कहा, ‘भारतीयों के लिये खाद्य और ईंधन की बढ़ती कीमत चिंता का प्रमुख कारण हैं. बढ़ती लागत के कारण वे अन्य खर्चों में कटौती कर अपने जीवनचर्या में संतुलन साधने की कोशिश कर रहे है.’ सर्वे के मुताबिक 15 फीसद भारतीयों ने खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमत को प्रमुख चिंता का कारण माना. इस मामले में भारत विश्व में चौथे स्थान पर है.
सब्जियों के दाम चढ़ने से खाद्य मुद्रास्फीति 15 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 15.57 फीसद रही.
सर्वे के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस समय 10 में से 7 भारतीय नागरिकों ने घरेलू खर्च पर नियंत्रण के लिये अपने व्यय की आदत में बदलाव किया है. यह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले दो फीसद अंक अधिक है.