औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर में इस साल अप्रैल महीने में तीव्र गिरावट दर्ज की गयी है यह एक साल पहले के 16.6 फीसदी की तुलना में 4.4 फीसदी रही. सरकार ने 2004-05 को आधार वर्ष मानते हुए अप्रैल, 2011 के आंकड़ों के साथ एक नई श्रृंखला जारी की जिसके तहत औद्योगिक वृद्धि इस साल अप्रैल महीने में 6.3 फीसदी रही.
विनिर्माण तथा खनन क्षेत्र में गिरावट के कारण औद्योगिक वृद्धि कम रही है. 1993-94 आधार वर्ष पर आधारित पुरानी श्रृंखला के तहत औद्योगिक वृद्धि पिछले साल के समान महीने में 16.6 प्रतिशत थी. इस बीच, मार्च महीने में औद्योगिक वृद्धि के आंकड़े को संशोधित किया गया है जिसके तहत यह 7.8 प्रतिशत हो गयी जबकि पूर्व में इसके 7.3 फीसदी रहने की बात कही गयी थी.
पुरानी श्रृंखला के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में करीब 80 प्रतिशत भारांश रखने वाला विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अप्रैल महीने में 4.4 फीसदी रही जो एक वर्ष पूर्व इसी महीने में 18 प्रतिशत थी. खनन क्षेत्र की वृद्धि दर में भी गिरावट दर्ज की गयी है. इस क्षेत्र की वृद्धि महज 2.1 प्रतिशत रही जो 2010 के अप्रैल महीने में 12 प्रतिशत थी.
बिजली उत्पादन की वृद्धि इस साल अप्रैल महीने में 6.4 प्रतिशत रही जो पिछले साल के समान महीने में 6.9 प्रतिशत थी. पूंजीगत वस्तुओं के उठाव में कमी एक और चिंता का विषय है. इस क्षेत्र की वृद्धि आलोच्य महीने में केवल 2.5 फीसदी रही जो पिछले साल अप्रैल महीने में 64.1 प्रतिशत थी.
कुल मिलाकर उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र की वृद्धि अप्रैल महीने में 5.9 फीसदी रही जो इससे पूर्व साल के इसी महीने में 11.9 प्रतिशत थी. नई श्रृंखला के अनुसार अप्रैल महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही जबकि खनन तथा बिजली उत्पादन की वृद्धि दर क्रमश: 2.2 प्रतिशत तथा 6.6 प्रतिशत रही.
पूंजीगत वस्तुओं की वृद्धि दर आलोच्य महीने 14.5 फीसदी रही जबकि उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र की वृद्धि दर 2.9 फीसदी रही. सूचकांक की नई श्रृंखला में आइसक्रीम, फल जूस तथा मोबाइल फोन जैसे 100 नये वस्तुओं की उत्पादन प्रवृत्ति को शामिल किया गया है ताकि औद्योगिक उत्पादन को बेहतर तरीके से मापा जा सके.
औद्योगिक सूचकांक में नये उत्पादों में कंप्यूटर के सामान, समाचारपत्र, अमोनिया, अमोनिया सल्फेट जैसे रसायन, इलेक्ट्रिक उत्पाद, रत्न एवं आभूषण को भी शामिल किया गया है. दूसरी तरफ टाइपराइटर्स, लाउड स्पीकर्स तथा वीसीआर जैसे पुराने हो चुके सामान को सूची से बाहर कर दिया गया है. नई श्रृंखला का आधार वर्ष 2004-05 है जबकि पुरानी श्रृंखला के लिये यह 1993-94 था. नये सूचकांक से नीतिनिर्माताओं तथा विशेषज्ञों को आर्थिक प्रवृत्ति की बेहतर भविष्यवाणी करने में मदद मिलेगी.