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खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 8.06 प्रतिशत पहुंची

दालों, गेहूं और कुछ सब्जियों के दाम घटने से खाद्य वस्तुओं की महंगाई की दर 21 मई को समाप्त सप्ताह में घटकर 8.06 प्रतिशत पर आ गई है. इससे पिछले सप्ताह यह 8.55 प्रतिशत के स्तर पर थी.

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दालों, गेहूं और कुछ सब्जियों के दाम घटने से खाद्य वस्तुओं की महंगाई की दर 21 मई को समाप्त सप्ताह में घटकर 8.06 प्रतिशत पर आ गई है. इससे पिछले सप्ताह यह 8.55 प्रतिशत के स्तर पर थी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि कम रहने के बीच सरकार को खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई घटने से कुछ राहत जरूर मिलेगी.

पिछले साल पहले 3 मई, 2010 को खाद्य मुद्रास्फीति की दर 21.15 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी. गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साल दर साल आधार पर दालों के दाम 9.22 प्रतिशत घटे हैं, वहीं गेहूं 0.77 प्रतिशत सस्ता हुआ है. इसकी वजह 2010-11 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) के दौरान गेहूं और दालांे का रिकॉर्ड उत्पादन है.

समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सब्जियांे के दाम सालाना आधार पर 1.06 प्रतिशत घटे। आलू 2.15 प्रतिशत नीचे आया.

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हालांकि अन्य खाद्य वस्तुओं में महंगाई बनी हुई है. साल दर साल आधार पर फलों के दाम 30.51 प्रतिशत बढ़े हैं, जबकि प्याज 12.32 फीसद महंगा हुआ.

प्रोटीनयुक्त खाद्य वस्तुओं के दामों में महंगाई अभी कायम है. दूध की कीमतों में जहां 7.04 प्रतिशत का इजाफा हुआ, वहीं अंडा, मीट और मछली के दाम 5.50 प्रतिशत बढ़े. अनाज के दाम 4.78 प्रतिशत बढ़े, जबकि चावल 2.51 प्रतिशत महंगा हुआ.

कुल मिलाकर समीक्षाधीन सप्ताह में प्राथमिक वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर 10.87 प्रतिशत थी. इससे इससे पिछले सप्ताह यह 11.60 फीसद थी. इस बीच, गैर खाद्य वर्ग में आने वाली प्राथमिक वस्तुओं के थोक मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति भी 21 मई को समाप्त सप्ताह में घटकर 21.31 प्रतिशत रह गई, जो इससे पिछले सप्ताह 23.22 फीसद थी.

सस्ताह के दौरान फाइबर एक साल पहले की तुलना 55.82 प्रतिशत महंगा रहा जबकि खनिजों के दाम 11.78 फीसद उंचे रहे.

पेट्रोल की कीमतों में हाल में हुई वृद्धि का असर भी आंकड़ों पर दिखाई दिया और पेट्रोल तथा ईंधन वर्ग की मुद्रास्फीति 12.54 प्रतिशत हो गयी जो एक सप्ताह पहले 12.11 प्रतिशत थी. साल दर साल आधार पर पेट्रोल 32.41 प्रतिशत महंगा हो गया है.

सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि आगामी महीनों में जिंसों विशेषकर कच्चे तेल के दामों की वजह से गैर खाद्य वस्तुओं पर मुद्रास्फीतिक दबाव ज्यादा दिखाई देगा. 2010 के दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई मुद्रास्फीतिक दबाव की मुख्य वजह रही. पिछले पूरे साल ज्यादातर समय तक खाद्य मुद्रास्फीति दो अंक में बनी रही. इस साल मार्च से इसमें कुछ गिरावट का रुख बना है. मई के पहले सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति की दर घटकर 18 माह के निचले स्तर 7.47 प्रतिशत पर आ गई थी. मई के दूसरे सप्ताह से इसमें फिर बढ़त दर्ज हुई.

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थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 8.66 प्रतिशत पर थी. भारतीय रिजर्व बैंक ने 2011-12 की अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा में कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में समान्य महंगाई दर (मुद्रास्फीति) औसतन 9 प्रतिशत पर रहेगी.

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