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खाद्य मुद्रास्फीति एक साल के उच्चस्तर 18.32 प्रतिशत पर

सब्जियों, प्याज और दूध की कीमतें तेजी से बढ़ने से 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर एक साल के उच्चस्तर 18.32 प्रतिशत पर पहुंच गई. इससे पूर्व सप्ताह में यह 14.44 प्रतिशत पर थी.

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सब्जियों, प्याज और दूध की कीमतें तेजी से बढ़ने से 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर एक साल के उच्चस्तर 18.32 प्रतिशत पर पहुंच गई. इससे पूर्व सप्ताह में यह 14.44 प्रतिशत पर थी.

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मुद्रास्फीति में तेज बढ़ोतरी के मद्देनजर अर्थशास्त्री यह मान रहे हैं कि इससे भारतीय रिजर्व बैंक पर नीतिगत दरें बढ़ाने का दबाव पड़ेगा, वहीं गृह मंत्री पी. चिदंबरम कीमतों पर अंकुश लगाने के उपायों पर संदेह जता चुके हैं.

खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में तेजी की मुख्य वजह थोक बाजार में सब्जियों की कीमतों में 58.58 प्रतिशत की बढ़ोतरी है. समीक्षाधीन सप्ताह में प्याज की कीमत साल दर साल आधार पर 82.47 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अंडा, मीट और मछली 20.83 प्रतिशत, फल 19.99 प्रतिशत और दूध 19.59 प्रतिशत महंगा हुआ.

उपभोक्ताओं को कुछ दिनों तक थोड़ी राहत देने के बाद प्याज की कीमतें फिर से चढ़ने लगी हैं और पाकिस्तान द्वारा वाघा सीमा से प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगाने से इसकी कीमतें और उपर जा सकती हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान थोक बाजार में प्याज की कीमत 23.01 प्रतिशत बढ़ी. खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में तेजी को देखते हुए रिजर्व बैंक 25 जनवरी की मौद्रिक नीति समीक्षा में अल्पकालिक ब्याज दरें बढ़ा सकता है. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि यद्यपि ये साप्ताहिक आंकड़े हैं, लेकिन सरकार कीमतों में तेजी को लेकर चिंतित है. {mospagebreak}

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इस बीच, वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने कहा कि खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी आशंका तो थी, पर इस हद तक नहीं. रिजर्व बैंक 2010 में मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए प्रमुख नीतिगत दरों में छह बार बढ़ोतरी कर चुका है. इस बीच, गैर खाद्य वर्ग में फाइबर की कीमतों में वाषिर्क आधार पर 35.53 प्रतिशत और खनिजों की कीमतों में 30.58 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.

मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी किए जाने की संभावना है.’ वहीं, यस बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री सुभदा राव का भी मानना है कि मुद्रास्फीति में तेजी के रुख को देखते हुए रिजर्व बैंक द्वारा सख्त मौद्रिक नीति बरकरार रखने की संभावना है.

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का असर दिसंबर के लिए मासिक मुद्रास्फीति आंकड़ों में भी देखने को मिलेगा जो 14 जनवरी को जारी होंगे. नवंबर में कुल मुद्रास्फीति घटकर 7.48 प्रतिशत पर आ गई थी, जो अक्तूबर में 8.58 प्रतिशत पर थी.

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