भारत और चीन के बीच सीमा वार्ता शुरू हो गई. वार्ता में चीनी राज्य काउंसलर दाई बिंगगुओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के साथ विशेष प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. दाई ने इसे भारत-चीन सम्बंधों का 'स्वर्णिम समय' बताया.
दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच मानचित्र पर सीमांकन के लिए ढांचा बनाने पर चर्चा होगी. वर्ष 2003 से अब तक दोनों देशों के बीच यह 15वें दौर की वार्ता है. वार्ता नवम्बर में ही होने वाली थी, लेकिन दिल्ली में आयोजित वैश्विक बौद्ध सम्मेलन में तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को भाग न लेने देने की चीनी मांग को भारत द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद स्थगित हो गई थी.
उम्मीद की जा रही है कि मेनन और दाई मंगलवार को सीमा तंत्र को लेकर होने वाले समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे और उसके बाद इसकी विस्तृत जानकारी सामने आएगी.
उधर, बातचीत से पहले दाई ने नई दिल्ली के साथ किसी भी प्रतिद्वंद्विता को खारिज करते हुए कहा, 'चीन भारत के साथ मित्रता और सहयोग का सम्बंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. चीन की भारत पर आक्रमण या भारत के विकास को दबाने की कोई योजना नहीं है.
चीन शांतिपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है.' चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ के करीबी समझे जाने वाले दाई ने भारत के साथ प्रतिद्वंद्विता से इनकार किया और कहा, 'हमें एक-दूसरे के विकास को सकारात्मक तरीके से देखने और बड़े सहयोगियों व मित्रों के रूप में एक-दूसरे का सम्मान करने की आवश्यकता है.' उन्होंने कहा कि भारत-चीन का सम्बंध इस वक्त स्वर्णिम दौर से गुजर रहा है.