देश में इस साल गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के तौर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुशीलो बांबांग युद्धोयोनो शामिल होंगे. उनकी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि समेत अनेक समझौते होने की संभावना है.
युद्धोयोनो 24 से 26 जनवरी के बीच अपनी नयी दिल्ली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से भी अनेक मुद्दों पर बातचीत करेंगे. उल्लेखनीय है कि देश के पहले गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी 1950 को तत्कालीन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आए थे और छह दशक बाद फिर से इस देश के राष्ट्रपति भारत में राजकीय मेहमान बनकर आ रहे हैं.
इंडोनेशिया के राजदूत लेफ्टिनेंट जनरल (आर) आंदी एम गालिब ने संवाददाताओं को इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा की जानकारी दी. गालिब ने बताया कि राष्ट्रपति के तौर पर अपनी दूसरी भारत यात्रा में युद्धोयोनो प्रधानमंत्री सिंह और राष्ट्रपति पाटिल से अनेक मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, विज्ञान, शिक्षा और संस्कृति के साथ कुछ कानूनी मसलों पर भी समझौते होने की संभावना है. {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले दोनों देशों के बीच हुए असैन्य परमाणु सहयोग के लिए हुए एमओयू की समीक्षा के लिए बातचीत चल रही है. गालिब ने बताया कि वर्ष 2005 में सिंह और युद्धोयोनो ने दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी स्थापित करने के लिए संयुक्त घोषणापत्र पर दस्तखत किये थे, जिसे इस यात्रा में और आगे बढ़ाया जाएगा.
राजदूत ने कहा, ‘इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की यह यात्रा दोनों देशो के लिए बहुत महत्व रखती है और इस दौरान दोनों के बीच कुछ समझौते भी होंगे.’ उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 में दोनों देशों के बीच 10.7 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ था, जो 2010 में 12 अरब डॉलर से अधिक हो गया है. एक अधिकारी ने बताया कि 2015 तक इस व्यापार को 20 अरब डालर करने का लक्ष्य आंका गया है.
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले सालों में भारत, इंडोनेशिया में सर्वाधिक निवेश करने वाला देश बन जाएगा. इंडोनेशिया ने आतंकवाद के मसले पर भी दोनों देशों के बीच सहयोग की प्रतिबद्धता जताई.
इंडोनेशियाई दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान कुछ कानूनी मसलों पर भी एमओयू होने की संभावना है, जिनमें आतंकवाद तथा अन्य अपराधों से लड़ने के लिए सहयोग की बात भी होगी. इससे पहले कुछ दशकों में तीन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति भारत का दौरा कर चुके हैं. वर्ष 2000 में अब्दुररहमान वाहिद, 2002 में मेगावती सुकर्णोपुत्री तथा 2005 में स्वयं युद्धोयोना दौरा कर चुके हैं.