विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते सितंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 1.9 प्रतिशत पर आ गई. पिछले साल सितंबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत थी.
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान आईआईपी की वृद्धि दर पांच प्रतिशत रही जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 8.2 प्रतिशत थी. इस बीच, अगस्त के लिए आईआईपी वृद्धि दर का अनुमान पूर्व के 4.1 प्रतिशत से घटाकर 3.59 प्रतिशत कर दिया गया है.
समीक्षाधीन माह में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर केवल 2.1 प्रतिशत रही जो बीते साल सितंबर में 6.9 प्रतिशत थी. आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र 75 प्रतिशत से अधिक योगदान करता है. शुक्रवार को जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल सितंबर में खनन उत्पादन में 5.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि बीते साल सितंबर में इसमें 4.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी.
इसी तरह, मशीनरी उत्पादन सितंबर में 6.8 प्रतिशत घटा, जबकि 2010 के सितंबर में इसमें 7.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी. वहीं माध्यमिक वस्तुओं के उत्पादन की वृद्धि दर घटकर महज डेढ़ प्रतिशत रही जो सितंबर, 2010 में 4.6 प्रतिशत थी.
इस दौरान, गैर टिकाउ उपभोक्ता सामान के उत्पादन में 1.3 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि बीते साल सितंबर में इसमें 5.8 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई थी. हालांकि, समीक्षाधीन माह में बिजली उत्पादन में नौ प्रतिशत का सुधार दर्ज किया गया जो सितंबर, 2010 में महज 1.8 प्रतिशत था.