अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में महंगाई को भारत के सामने मुख्य चुनौती बताया है. आईएमएफ ने मंगलवार को सितम्बर 2011 का विश्व आर्थिक सम्भावना रिपोर्ट जारी किया.
रिपोर्ट में कहा गया, 'नीति निर्माताओं के सामने सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है महंगाई दर को कम करना, जो लगातार दहाई अंकों के पास बनी हुई है और यह एक साधारण स्तर बन गया है.' इसमें कहा गया कि मौद्रिक नीति की कठोरता के बावजूद मुख्य दर मंदी से पहले की स्थिति से काफी नीचे है और काफी मात्रा में ऋण जारी किए जा रहे हैं.
आईएमएफ ने रिपोर्ट में कहा कि निवेश की गति धीमी रहेगी और इसका कारण हाल में चर्चा में रहे कम्पनी प्रशासन से सम्बंधित मुद्दा और वैश्विक अनिश्चितता है. रिपोर्ट के मुताबिक एशिया में महंगाई दर 2011 में औसतन 5.25 फीसदी रहेगी. वर्ष 2012 में यह घटकर चार फीसदी हो जाएगी. इसे देखते हुए उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के लिए विनिमय दर का लचीलापन एक महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दा रहेगा.
आईएमएफ ने कहा कि विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में वर्ष की पहली छमाही में आर्थिक विकास दर सात फीसदी रही है, दूसरी छमाही में यह घटकर 6.25 फीसदी पर आ जाएगी. एशिया की उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में चीन और भारत के कारण औसत विकास दर आठ फीसदी रहेगी.
रिपोर्ट में कहा गया कि कई विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में ऋण जारी करने की गति में तेजी बनी रहेगी और सम्पत्तियों का मूल्य बढ़ता रहेगा. भारत, हांगकांग, इंडोनेशिया, ब्राजील, पेरू और तुर्की में ऋण में काफी वृद्धि दर्ज की गई है. जी20 देशों में भारत में ढांचागत घाटा का स्तर काफी अधिक है और दक्षिण अफ्रीका में यह सराहनीय स्तर पर बना हुआ है.