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दिसंबर 2010 में मुद्रास्फीति बढ़कर 8.43 फीसदी हुई

फल सब्जियों और कुछ अन्य खाद्य तथा अखाद्यय वस्तुओं के दाम चढ़ने से थोक मूल्य सूचकांक पर अधारित महंगाई की सामान्य दर दिसंबर, 2010 में बढ़कर 8.43 फीसदी हो गयी.

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फल सब्जियों और कुछ अन्य खाद्य तथा अखाद्यय वस्तुओं के दाम चढ़ने से थोक मूल्य सूचकांक पर अधारित महंगाई की सामान्य दर दिसंबर, 2010 में बढ़कर 8.43 फीसदी हो गयी. इससे पूर्व महीने में यह 7.48 फीसदी थी.

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प्याज जैसी सब्जियों और मांस, अंडा जैसी प्रोटीन के स्रोत वाली वस्तुओं के के महंगे होने से सामान्य मुद्रास्फीति में यह वृद्धि हुई है. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर महीने के संशोधित आंकड़ों के अनुसार उस माह मुद्रास्फीति 9.12 फीसदी रही. प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर इसे 8.58 फीसदी बताया गया था.

आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर, 2010 में प्राथमिक वस्तुओं खाद्य, गैर खाद्य और खनिज की कीमत सालाना आधार पर 16.46 फीसदी ऊंची रही. इसी दौरान कुछ खाद्य वस्तुओं की कीमत में एक साल पहले की तुलना में कमी हुई है. इनमें दाल एक साल पहले से करीब 10.89 फीसदी सस्ती और आलू 26.57 फीसदी गिरा है.

आलोच्य महीने के दौरान सालाना आधार पर ईंधन और बिजली कीमत 11.19 चढ़ी जबकि विनिर्मित वस्तुओं के दाम 4.46 फीसदी चढ़े. थोक मूल्य सूचकांक में विनिर्मित वस्तुओं का भारांश 64.9 फीसदी है. विनिर्मित वस्तुओं में हालांकि चीनी 9.91 फीसदी सस्ती हुई और चमड़ा तथा चमड़ा उत्पादों के दाम सालाना आधार पर 1.23 फीसदी चढ़े.

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उल्लेखनीय है कि एक जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति 16.91 फीसदी रही. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में खाद्य मुद्रास्फीति का भारांश 14 फीसदी है. बढ़ती महंगाई से चिंतित सरकार ने मुद्रास्फीति पर शिकंजा कसने के लिये कल कई उपायों की घोषणा की. इनमें उपायों में जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई और निर्यात तथा आयातित खाद्य वस्तुओं पर नजर रखने की बात शामिल है.

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