प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यों से खेती बाडी पर ज्यादा ध्यान देने की अपील करते हुये कहा कि महंगाई की मार से बचने और देश की खाद्य सुरक्षा के लिये खाद्यान्न उत्पादन बढाना जरुरी है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण ही महंगाई बढी है. इसे थामने के लिये सरकार ने कई कदम उठाये हैं और इस बार मानसून सामान्य रहने से दिसंबर तक मुद्रास्फीति घटकर छह प्रतिशत के आसपास रह जाने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री शनिवार को राष्ट्रीय विकास परिषद की 55वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे. परिषद की यह बैठक 11वीं योजना (2007 से 2012) की मध्यावधि समीक्षा के लिये बुलाई गई है.
उन्होंने कहा कि 9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने और ग्रामीण क्षेत्रों के जीवनस्तर में सुधार लाने के लिये खेती बाडी में सुधार जरुरी है. उन्होंने राज्यों से कृषि क्षेत्र में अनुसंधान कार्यों में तेजी लाने और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर पूरी कृषि प्रणाली की कमजोरियों को दूर करने पर जोर दिया.
मनमोहन ने कहा कि 11वीं योजना का शुरुआती लक्ष्य सभी को साथ लेकर औसतन 9 प्रतिशत सालाना आर्थिक वृद्धि हासिल करने का रखा गया था. वैश्विक आर्थिक संकट और 2009 के भयंकर सूखे के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहतर रहा है.
उन्होंने कहा कि योजना की मध्यावधि समीक्षा में औसतन सालाना 8.1 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है. यह लक्ष्य 9 प्रतिशत से तो कम है लेकिन किसी भी पंचवर्षीय योजना में हासिल वृद्धि दर के मुकाबले सबसे उंचा लक्ष्य होगा.