सुप्रीम कोर्ट ने डाक्टर दंपति राजेश और नूपुर तलवार को अपनी बेटी आरूषि और घरेलू नौकर हेमराज के सनसनीखेज हत्या की अदालत में चल रही कार्यवाही पर ‘गैर जिम्मेदाराना आक्षेप’ लगाने के खिलाफ चेतावनी दी है.
न्यायमूर्ति बी एस चौहान और जे एस खेहर ने दो मार्च को तलवार दंपति की इस मामले की सुनवाई को दिल्ली स्थानांतरित करने की याचिका खारिज कर दी थी. याचिका में डाक्टर दंपति ने शत्रुतापूर्ण वातावरण, असुविधा के अलावा मामले की सुनवाई कर रहे विशेष सीबीआई न्यायाधीश पर पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगाया था.
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में माना कि हालांकि तलवार दंपति ने न्यायाधीश के खिलाफ अपने पक्षपातपूर्ण होने के आरोप पर जोर नहीं दिया है फिर भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय समेत अदालत के खिलाफ उन्होंने जो निष्कर्ष निकाला है वह अपमानसूचक है जैसाकि सीबीआई ने आरोप लगाया है. सीबीआई ने स्थानांतरण याचिका का विरोध किया था.
खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि हमें कोई संदेह नहीं है कि जिस आधार पर याचिकाकर्ता ने कार्यवाही के स्थानांतरण का अनुरोध किया है, वे केवल काल्पनिक और असंगत आशंकायें हैं जो अनर्गल आरोपों पर आधारित हैं.