विवादास्पद बयानों से आलोचनाओं के घेरे में आए जम्मू-कश्मीर में तीन वार्ताकारों को सोमवार को गृह मंत्री पी चिदंबरम ने वार्ता प्रक्रिया की प्रगति के बारे में हर कदम पर कमेंट्री करने से बचने को कहा.
एक आतंकवादी की ओर से शांति योजना पेश किये जाने के वायदे संबंधी वार्ताकार दिलीप पडगांवकर के दावे के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं समझता हूं वार्ताकारों को बातचीत के बारे में हर कदम पर कमेंट्री नहीं करनी चाहिए. यह वार्ता है कोई क्रिकेट मैच नहीं.’
यह पूछे जाने पर कि एक वार्ताकार ने टीवी कार्यक्रम के दौरान ऐसा बयान दिया, चिदंबरम ने कहा, ‘ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आपने पूछा.’ गौरतलब है कि पडगांवकर एवं एक अन्य वार्ताकार राधा कुमार के बयान से उस समय विवाद उत्पन्न हो गया था, जब उन्होंने कहा था कि कश्मीर समस्या का टिकाऊ समाधान पाकिस्तान को शामिल किये बिना नहीं निकाला जा सकता है.
वार्ताकारों के बारे में भाजपा की आलोचना के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर वार्ता प्रक्रिया को सफल बनाना है तो इस तरह के आधारहीन आरोप लगाने से बचना चाहिए. उन्हें वार्ता प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए मौका देना चाहिए. {mospagebreak}
अक्तूबर माह के लिए मंत्रालय की रिपोर्ट पेश करते हुए चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि सर्वदलीय शिष्टमंडल की हाल की जम्मू-कश्मीर यात्रा के बाद ऐसी उम्मीद जगी है कि राज्य में राजनीतिक समस्या का समाधान पूरी गंभीरता के साथ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वार्ताकारों ने कुछ हद तक राज्य में माहौल को बदला है और ‘मैं गंभीरता से यह उम्मीद करता हूं कि राज्य में शांति और वार्ता को एक मौका दिया जायेगा.’
हालांकि, वार्ताकारों द्वारा आंतकवादियों के शांति योजना के दावे के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने सचेत करते हुए कहा ‘मैं समझता हूं कि मीडिया को इस प्रकार से नहीं पूछना चाहिए और वार्ताकारों को कदम कदम पर कमेंट्री नहीं करनी चाहिए. यह वार्ता प्रक्रिया है कोई क्रिकेट मैच नहीं.’ गृह मंत्री ने हालांकि कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि सभी चीजे सामान्य हो गई हैं.