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कांग्रेस को चुनावी मशीन से कुछ ज्यादा बनने की जरूरत: सोनिया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि देश की इस सबसे पुरानी और बडी पार्टी को एक विशाल चुनावी मशीन से कुछ ज्यादा बनने की जरूरत है.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि देश की इस सबसे पुरानी और बडी पार्टी को एक विशाल चुनावी मशीन से कुछ ज्यादा बनने की जरूरत है और पार्टी को जमीनी स्तर पर नये सिरे से स्थापित करने के अलावा हमारे पास न तो कोई विकल्प है और न ही कोई शार्टकट.

सोनिया ने कांग्रेस के 83वें महाधिवेशन के उद्घाटन भाषण में बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की शर्मनाक हार के संदर्भ में कहा, ‘मुझे अच्छी तरह मालूम है कि कुछ प्रदेशों में बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है.
हाल ही में बिहार के चुनावों ने यह अच्छी तरह साफ कर दिया है कि पार्टी को जमीनी स्तर से नये सिरे से बनाने के अलावा हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा, ‘आगे रास्ता लंबा और बहुत मुश्किल है लेकिन पार्टी को जमीनी स्तर से नये सिरे से बनाने के अलावा और कोई आसान रास्ता नहीं है और न ही इसके लिए कोई शार्टकट है.’

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पिछले कुछ दिन से अचानक भ्रष्टाचार के कई मुद्दों पर विपक्ष के प्रहारों से बुरी तरह घिरी नजर आ रही कांग्रेस पार्टी के परिप्रेक्ष्य में सोनिया ने कहा, ‘यह उदास होने का समय नहीं है. सभी प्रदेशों में रचनात्मक काम करने का समय है.’{mospagebreak}

पार्टी कार्यकर्ताओं से दूर होते जा रहे बडे नेताओं और मंत्रियों को आडे हाथ लेते हुए सोनिया ने कहा, ‘जहां भी हम सरकार में हैं, चाहे वह केन्द्र हो या राज्य, वहां यह किसी को नहीं भूलना चाहिए कि पार्टी ही है जो सरकार बनाती है.’ उन्होंने पार्टी और सरकार के पदों पर बैठे कांग्रेसजनों से कहा, ‘यह उनकी पहली जिम्मेदारी है कि वे पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं की राय के प्रति संवेदनशील हों.’ सोनिया ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की बात गंभीरता से सुनी जानी चाहिए और जो मुनासिब हो, कार्रवाई होनी चाहिए.

पार्टी प्रतिनिधियों की तालियों की गडगडाहट के बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि साधारण कार्यकर्ता ही हमारे कान हैं, जो हमें जमीनी हकीकत बताते हैं और वही हमारे हाथ हैं जो आम आदमी की नब्ज पहचानते हैं. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से दूर रहने वाले केन्द्रीय मंत्रियों की भी खिंचाई करते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा शासित प्रदेशों के तमाम कार्यकर्ताओं ने शिकायत की है कि केन्द्र के हमारे कुछ मंत्री उनकी चिन्ताओं पर ध्यान नहीं देते.

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पार्टी अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं की इन शिकायतों पर कडा रूख अपनाते हुए कहा, ‘उनकी यह बात सही है. केन्द्रीय मंत्रियों को चाहिए कि वे खास तौर से अपनी यात्राओं के दौरान स्थानीय नेतृत्व से जरूर मिलें. उन्हें इतना पता होना चाहिए कि जो पार्टी कार्यकर्ता एक विरोधी वातावरण में काम करते हैं, ऐसी उपेक्षा से उनका मनोबल गिरता है.

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