महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में वरिष्ठ पत्रकार ज्योति डे की हत्या पर पत्रकार संगठनों ने आरोप लगाया कि पुलिस और अंडरवर्ल्ड के बीच साठगांठ इस हत्या की वजह हो सकती है.
मुंबई मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रसाद मोकाशी ने कहा कि हम ज्योति डे की हत्या की निंदा करते हैं. उन्होंने पुलिस और अंडरवर्ल्ड की साठगांठ को बेनकाब करने का प्रयास किया और आज उन्हीं खुलासों के वह शिकार हो गए. मुंबई पुलिस और अंडरवर्ल्ड से चल रहा है और यहां कानून व्यवस्था नहीं है. हम पुलिस आयुक्त के इस्तीफे की मांग करते हैं क्योंकि वह शहर में अपराध दर काबू में नहीं ला सके.
टेलीविजन पत्रकार संघ के अध्यक्ष शशिकांत संधबोर ने कहा कि ज्योति डे की हत्या से यह साबित हो गया है कि शहर में पुलिस अंडरवर्ल्ड साठगांठ है. उन्होंने दाउद इब्राहीम, छोटा राजन और अन्य पर कई खबरें की थी।’’ संधबोर ने कहा कि हम मांग करते हैं कि गृहमंत्रालय इसकी गहन जांच कराए. इसके साथ ही उसे अतीत के उन मामलों पर एक रिपोर्ट सामने लानी चाहिए कि जिनमें पत्रकारों पर हमले हुए और उनकी जांच की स्थिति क्या है.
मंत्रालय एवं विधिमंडल वार्ताहार संघ के अध्यक्ष अनिकेत जोशी ने कहा कि इस कायराना हत्या की उचित जांच करवायी जाए. अपराध की खबर करने वाले संवाददाताओं को सुरक्षा प्रदान की जाए. प्रेस क्लब ऑफ मुम्बई ने भी इस हत्या में शामिल अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
प्रेस क्लब ने दिन दहाड़े हुई इस हत्या पर आश्चर्य प्रकट करते हुए एक बयान में मांग की कि इस घृणतम घटना को जिन लोगों ने अंजाम दिया और जिन्होंने साजिश रची उन्हें गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जाएं.
उन्होंने बयान में कहा कि राजनेताओं एवं स्थानीय माफिया द्वारा पत्रकारों के साथ मारपीट एवं डराने धमकाने की कई घटनाएं हाल के सप्ताहों और महीनों में सामने आयी है. इसी बीच पत्रकार हल्ला विरोधी कृति समिति ने कहा है कि गृहमंत्री आर आर पाटिल और मुम्बई पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक को हत्या की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए.