बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी विरोधी पार्टियों के खिलाफ हल्ला बोलते समय अक्सर भूल जाते हैं कि वो बोल क्या रहे हैं. इस बार उन्होंने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को कांग्रेस का दामाद बताकर बवाल मचा दिया है.
अब कोई ये नहीं समझ पा रहा कि आखिर गडकरी की जुबान मर्यादा की सारी सीमा लांघ जाने की हद तक क्यों फिसल जाती है. देहरादून में बीजेपी की जनाक्रोश रैली में गडकरी कांग्रेस के नेताओं पर इस कदर आक्रोशित हुए कि शालीनता, मर्यादा सब कुछ भूल गए. संसद पर हमले के दोषी अफज़ल गुरु की फांसी में देरी पर उन्होंने कांग्रेस के नेताओं पर हमला करने के लिए उन्हें और कोई शब्द नहीं सूझा, तो उन्होंने अफज़ल गुरु को कांग्रेस का दामाद कह डाला.{mospagebreak}वैसे ये पहला मौका नहीं है, जब नितिन गडकरी विरोधी पार्टियों और नेताओं के खिलाफ़ मर्यादा की सीमा लांघकर बोले. गडकरी की पहले वाली विवादास्पद टिप्पणी ने बीजेपी नेताओं को ही बगलें झांकने पर मजबूर कर दिया था और बाद में खुद गडकरी ने माफी मांगकर मामला रफा-दफा किया, लेकिन अब कांग्रेस के खिलाफ़ गडकरी की नई टिप्पणी से ये सवाल पैदा हो गया है कि आखिर गडकरी की ज़ुबान बार-बार क्यों फिसल जाती है?