अगर आपको रोज फलों का जूस पीने की आदत है तो उसे बदल दीजिए क्योंकि हाल में हुए दो शोधों में यह बात सामने आयी है कि रोज इसका सेवन सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.
दोनों शोध में दावा किया गया है कि जूस को जब डिब्बा बंद किया जाता है तो उसमे बहुत ज्यादा मात्रा में चीनी होती है. ऐसे में आपको उसकी लत पड़ सकती है.
एक शोध में कहा गया है कि रोज दो गिलास जूस का सेवन अपको ‘स्वीट टूथ’ यानी मीठे का आदी बना सकता है जिससे आपकी भूख बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी. दूसरे शोध में लोगों को सूखे फल खाने का सुझाव दिया गया है. सूखे फलों में ताजे फलों की तरह ही एंटीऑक्सीडेंट, पॉलीफेनॉल और सभी पोषक तत्व होते हैं.
डेली टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों शोधों ने अपने परिणाम के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि दिन में पांच बार लिए जाने वाले भोजन में फलों का जूस शामिल नहीं होना चाहिए. सूखे फल खाने की आदत को बढ़ावा देना चाहिए.
पहला शोध नार्थ वेल्स में बैंगोर यूनिवर्सिटी ने किया है. इस शोध के अनुसार, ताजे फलों के जूस में भी चाय के पांच चम्मच के बराबर चीनी की मात्रा हो सकती है क्योंकि जूस निकालते समय मिठास की सांद्रता बढ़ जाती है. यह एक बोतल सोडा में पाई जाने वाली चीनी के मात्रा का तीन चौथाई भाग है. इससे मोटापा बढ़ सकता है और रक्त में शर्करा की मात्रा को भी प्रभावित कर सकता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि जूस की जगह ताजे फल खाने चाहिए. मुख्य शोधकर्ता डॉक्टर हैंस-पीटर क्यूबिस का कहना है कि फलों का रस ‘स्वीट टूथ’ यानी मीठे की लत को बढ़ा सकता है. दूसरा शोध यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स के शोधकर्ताओं का है. उनका कहना है कि सूखे फलों में भी ताजे फलों के बराबर ही एंटीऑक्सीडेंट, पॉलीफेनॉल और पोषक तत्व होते हैं.
शोध में पाया गया कि सूखे फल कैंसर, हृदय संबंधी समस्याओं और चयापचय रोगों से मुकाबले में मददगार हो सकते हैं. यह रेशे, विटामिन और खनिजों के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं. मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर गैरी विलियमसन का कहना है कि लोग सूखे फलों को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह ज्यादा स्वादिष्ट नहीं होते.