गुजरात सरकार को एक बड़ा झटका लगा है. इशरत जहां एंकाउंटर केस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की याचिका ख़ारिज कर दी है. दरअसल मामले की जांच हाई कोर्ट ने एसआईटी से कराने पर मुहर लगा दी थी. इस पर गुजरात सरकार सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेने पहुंची थी. लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्टे देने से इंकार कर दिया है.
इशरत, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै और दो पाकिस्तानी नागरिक अमजद अली तथा ज़ीशान जौहर अब्दुल गनी 15 जून 2004 को मुठभेड में मारे गये थे. पुलिस रिकार्ड के मुताबिक इन सभी को अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके में नीले रंग की इंडिका कार में पकडा गया था. कार रोकने का संकेत करने पर उसमें बैठे लोगों ने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं, जिसके बाद हुई जवाबी कार्रवाई में ये सभी मारे गये थे.
इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश जयंत पटेल और अभिलाषा कुमारी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नई एसआईटी के गठन की अधिसूचना जारी करने के लिए कहा था.
अदालत ने इस एसआईटी में तीन आईपीएस अधिकारियों को रखा था. उनके नाम हैं – करनैल सिंह, मोहन झा और सतीश शर्मा. करनैल सिंह दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं और अन्य दो गुजरात पुलिस में तैनात हैं.
अदालत ने ये आदेश इशरत जहां के साथ मारे गए जावेद शेख़ उर्फ़ प्रनेश पिल्लै के पिता की याचिका की सुनवाई के दौरान दिया.