वरिष्ठ पत्रकार ज्योर्तिमय डे की नृशंस हत्या के विरोध में और इस मामले की सीबीआई से जांच कराये जाने की मांग को लेकर मीडियाकर्मियों ने राज्य सचिवालय परिसर में धरना दिया.
टेलिविजन जर्नलिस्ट्स एसोसियेशन के महासचिव प्रसाद काथे ने कहा, ‘पत्रकारों के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की मांग को लेकर मुलाकात की लेकिन उनकी मांग को खारिज कर दिया गया.’ गौरतलब है कि 56 वर्षीय पत्रकार जे डे की पवई इलाके में 11 जून को चार अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
उन्होंने कहा, ‘पत्रकारों पर हमले को रोकने के लिये हमने इस संबंध में विधेयक को पारित किये जाने की मांग की थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मसौदे को 15 जून को पेश करेंगे.’ काथे ने बताया, ‘गृह मंत्री आर आर पाटिल के इस्तीफे और मुंबई पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक के निलंबन की दो अन्य मांगें थी और मुख्यमंत्री ने उसे भी मानने से इनकार कर दिया.’
हालांकि चव्हाण ने प्रतिनिधिमंडल को इस बात का आश्वासन दिया कि पुलिस को कुछ ठोस सबूत मिले हैं और दो दिनों के भीतर सफलता मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘हम 15 जून तक इंतजार करेंगे. अगर संतुष्ट नहीं हुये तो पत्रकार बारी बारी से भूख हड़ताल पर बैठेंगे.’ काथे ने कहा, ‘एक सप्ताह बाद हम बंबई उच्च न्यायालय में सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दाखिल करेंगे.’
गौरतलब है कि इससे पहले प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सैकड़ो पत्रकारों ने पत्रकार संघ से राज्य सचिवालय तक जुलूस निकाला था. सचिवालय के बाहर पत्रकारों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ‘राज्य सरकार पत्रकारों की भावना को लेकर संवेदनशील है और हत्यारों को कानून के दायरे में लाने के लिये जो कुछ भी किया जा सकता है, वह कर रही है.’ चव्हाण ने मीडियाकर्मियों को आश्वासन दिया कि वह स्वयं इस मामले को देख रहे हैं.
इस विरोध प्रदर्शन में प्रेस क्लब, मुंबई मराठी पत्रकार संघ, मंत्रालय अनी विधिमंडल संघ, मुंबई क्राइम रिपोर्टर्स एसोसियशन और टीवी जर्नलिस्ट एसोशियसन ने हिस्सा लिया.
गौरतलब है इससे पहले महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति का प्रतिनिधमंडल मुख्यमंत्री से उनके आधिकारिक निवास पर मुलाकात कर उनसे राज्य में मीडियाकर्मियों पर बढ़ते हमलों को रोकने के लिये तत्काल उचित कदम उठाये जाने की अपील की थी.