तमाम सियासी उठापटक के बाद जेडीयू ने राष्ट्रपति चुनाव में प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन करने का फैसला किया है. इस तरह, एनडीए के भीतर का मतभेद भी अब सतह पर आ गया है.
जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी चाहती थी कि राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के लिए चुनाव न लड़कर आम सहमति से ही नाम तय हो जाए, जो नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से किसी तरह की राजनीतिक लाभ-हानि नहीं होती है.
शरद यादव ने कहा कि यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी पर आम सहमति बन जाती, लेकिन सत्ताधारी गठबंधन की वजह से ऐसा नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि यूपीए ने प्रत्याशी घोषित करने के बाद हमसे बात की, जबकि उन्हें पहले ही बातचीत करनी चाहिए थी. अगर ऐसा होता, तो आम सहमति बनाने में दिक्कत नहीं होती.
शरद यादव ने साफ किया है कि उनकी पार्टी प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन कर रही है, कांग्रेस पार्टी का नहीं.
गौरतलब है कि एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने राष्ट्रपति चुनाव में पी. ए. संगमा की उम्मीदवारी का समर्थन करने का फैसला किया है. इस मुद्दे पर एनडीए में आम राय नहीं बन सकी. राष्ट्रपति चुनाव में जेडीयू ने अलग राह पकड़ ली है, जबकि शिवसेना का मत भी जुदा है.