जम्मू-कश्मीर के सोपोर कस्बे में कथित रूप से सुरक्षा बलों की फायरिंग में मारे गए दो युवकों के परिजनों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के लिये प्रस्तावित पदयात्रा से पहले प्रशासन ने हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक समेत कई नेताओं को आज नजरबंद कर दिया.
घाटी के मौजूदा हालात के मद्देनजर कश्मीर विश्वविद्यालय और बोर्ड ऑफ स्कूल एजूकेशन ने आज और मंगलवार को होने वाली अपनी सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं. सूत्रों ने बताया कि मीरवाइज के अलावा उनके सलाहकार शाहिदुल इस्लाम, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक और सहयोगी नेता बिलाल गनी लोन, मौलाना मोहम्मद अब्बास अंसारी तथा आगा सैयद हसन अलसाफवी अलमोसवी को भी नजरबंद किया गया है.
अलगाववादियों ने गत 25 जून को सोपोर में कथित रूप से सीआरपीएफ के जवानों की फायरिंग में मारे गए शकील अहमद गनी और फिरदौस अहमद ककरू के परिजनों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के लिये आज ‘सोपोर चलो’ का आह्वान किया था. सैयद अली शाह गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.{mospagebreak}सूत्रों के मुताबिक शहर में लोगों के कहीं आने-जाने पर पाबंदी नहीं लगाई गई है लेकिन पदयात्रा को रोकने के लिये श्रीनगर-सोपोर मार्ग तथा क्षेत्र के संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के सैकड़ों जवान तैनात किये गए हैं.
इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि फायरिंग में युवकों की मृत्यु होने के विरोध में उत्तरी कश्मीर में बारामूला जिले के उरी कस्बे में दुकानें तथा अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे. घाटी में तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर सरकार ने इलाके के सभी स्कूलों तथा कॉलेजों को दो दिन तक बंद रखने की घोषणा पहले ही कर रखी है.
अधिकारियों ने बताया कि हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े द्वारा आज स्कूल में छात्रों को विरोधस्वरूप काले बैज लगाने तथा कल सुरक्षा बलों के खिलाफ विरोध जाहिर करने का आह्वान किया था.